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भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल होंगे 83 तेजस, 48 हजार करोड़ के रक्षा सौदे को सरकार की मंजूरी

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तेजस

सुरक्षा मामलों पर मंत्रिमंडल समिति यानि (CCS) ने करीब 48,000 करोड़ रुपये की लागत से तेजस विमान खरीदने को मंजूरी दी है.

इस बाबत केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि पीएम मोदी की अध्यक्षता वाली CCS ने बुधवार को भारतीय वायुसेना के बेड़े के स्वदेशी फाइटर जेट को मजबूत करने के लिए लगभग 48,000 करोड़ रुपये के सबसे बड़े स्वदेशी रक्षा खरीद सौदे को मंजूरी दी है, यह सौदा भारतीय रक्षा विनिर्माण में आत्मनिर्भरता के लिए एक गेम-चेंजर साबित होगा.

तेजस चौथी पीढ़ी का लड़ाकू विमान है, जिसे एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी और हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा विकसित किया गया है. बताते हैं कि तेजस की सबसे बड़ी खासियत यह है कि कम ऊंचाई पर उड़कर यह दुश्मन पर नजदीक से सटीक निशाना साध सकता है और यह दुश्मन के रडार को चकमा देने में माहिर है.

तेजस दुश्‍मन को छकाने में सक्षम है एचएएल के साथ अगले कुछ दिनों में हस्ताक्षर किए जाने वाले सौदे से वायु सेना के स्वदेशी फाइटर जेट हल्‍के तेजस के बेड़े और युद्ध क्षमता को मजबूत किया जाएगा.

तेजस भारतीय वायुसेना के लिए कई मायनों में खास है. यह हवा से हवा में, हवा से जमीन पर मिसाइल दागने में सक्षम है तो इसमें एंटीशिप मिसाइल, बम और रॉकेट भी लगाए जा सकते हैं. तेजस यूं तो सिंगल सीटर विमान है, लेकिन इसका ट्रेनर वेरिएंट डबल सीटर है. यह एक बार में करबी 54 हजार फीट तक की ऊंचाई पर उड़ान भर सकता है.

इसे तेजस नाम पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी ने दिया था. संस्‍कृत के इस शब्‍द का अर्थ होता है अत्यधिक ताकतवर ऊर्जा, जो इसकी विशेषताओं से भी झलकता है.

यह 2000 से अधिक किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से उड़ान भर सकता है तो एक बार में करीब 3000 किलोमीटर की दूरी तय करने में सक्षम है. यह अपने साथ तकरीबन 13,500 किलोग्राम वजनी हथियार भी ले जा सकता है.


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