बदले शेड्यूल के तहत अब केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) 10वीं कक्षा का रिजल्ट 20 जून को जारी नहीं करेगा. अब नतीजे जुलाई के पहले सप्ताह में ही जारी हो सकेंगे.
सीबीएसई ने मंगलवार को नोटिस जारी कर 10वीं के छात्रों के मार्क्स सब्मिट करने की अंतिम तिथि बढ़ा दी है. सीबीएसई ने कहा है कि विभिन्न राज्यों में कोविड-19 महामारी, लॉकडाउन, स्कूलों के शिक्षकों व अन्य कर्मचारियों की सुरक्षा को देखते हुए तारीखें आगे बढ़ाने का फैसला लिया गया है.
नए शेड्यूल के तहत ये हैं तारीखें
- मार्क्स अपलोड करने के लिए सीबीएसई पोर्टल की उपलब्धता – 20 मई (इसमें कोई बदलाव नहीं).
- सीबीएसई को मार्क्स सब्मिट करने की लास्ट डेट – 30 जून, 2021
- इंटरनल असेसमेंट मार्क्स (20 में से) सब्मिट करने की तिथि – 30 जून 2021
सीबीएसई ने कहा है रिजल्ट कमिटी बोर्ड द्वारा उपलब्ध कराई गई स्कीम के आधार पर अपना शेड्यूल तय कर सकती है.
गौरतलब है कि सीबीएसई ने 1 मई को कहा था कि जून 2021 के तीसरे सप्ताह में कक्षा 10 का रिजल्ट घोषित कर दिया जाएगा. लेकिन मार्क्स सब्मिशन की डेट आगे बढ़ने के बाद यह जुलाई में जारी हो सकेगा. पहले स्कूलों को अपने छात्रों के इंटरनल असेसमेंट के मार्क्स 11 जून तक सीबीएसई के पोर्टल पर अपलोड करने थे.
सीबीएसई 10वीं असेसमेंट फॉर्मूला
- छात्रों को इंटरनल असेसमेंट के तौर पर प्रत्येक सब्जेक्ट के कुल 100 अंकों में से अधिकतम 20 अंक दिए जाएंगे.
- प्रत्येक विषय में 100 में 80 अंक मिड टर्म, प्री बोर्ड और यूनिट टेस्ट आदि परीक्षाओं के आधार दिए जाएंगे. यूनिट टेस्ट के लिए 10 अंक, मिड टर्म के लिए 30 अंक और प्री बोर्ड परीक्षा के लिए 40 अंक निर्धारित किए गए हैं.
- जो छात्र इस रिजल्ट से संतुष्ट नहीं होंगे उन्हें स्थिति सामान्य होने के बाद एक बार परीक्षा में बैठने का मौका दिया जाएगा.
- स्कूल में रिजल्ट तैयार करने के लिए स्कूल प्रिंसिपल और 7 शिक्षकों की एक रिजल्ट समिति बनेगी. इसमें दो शिक्षक दूसरे स्कूल से होंगे.
- रिजल्ट समिति में शामिल होने वाले दूसरे स्कूल के शिक्षकों को 2500-2500 रुपए और अपने स्कूल के शिक्षकों को 1500-1500 रुपए सीबीएसई बोर्ड की ओर से दिए जाएंगे.
सीबीएसई 10वीं की परीक्षा में हर साल करीब 18 लाख छात्र-छात्राएं भाग लेते हैं. पिछले साल भी कुछ पेपर रद्द हुए जिसके बाद इंटरनल असेसमेंट की मदद से रिजल्ट तैयार किया गया था. 2020 में सीबीएसई 10 में 91.46 फीसदी छात्र सफल हुए थे.