केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड 12वीं की बोर्ड परीक्षा रद्द कर दी गई है. लाखों स्टूडेंट्स और पैरेंट्स केंद्र सरकार के इस फैसले से खुश हैं. लेकिन अब जो सवाल इन्हें परेशान कर रहा है, वह है कि बिना एग्जाम इवैल्युएशन किस तरह किया जाएगा? क्लास 12 रिजल्ट बनाने के लिए सीबीएसई की मार्किंग स्कीम क्या होगी?
क्लास 12 एग्जाम कैंसिल करने के संबंध में नोटिस जारी करते हुए सीबीएसई ने बताया है कि स्टूडेंट्स का रिजल्ट ऑब्जेक्टिव क्राइटीरिया पर बनाया जाएगा. लेकिन यह ऑब्जेक्टिव क्राइटीरिया है क्या? यहां समझें, आपको किन आधारों पर मिलेंगे मार्क्स.
कैसे बनेगा रिजल्ट
सीबीएसई ने 10वीं के स्टूडेंट्स के इवैल्युएशन के लिए भी ऑब्जेक्टिव क्राइटीरिया अपनाया है. अब उसी तरह 12वीं के स्टूडेंट्स का भी मूल्यांकन किया जाएगा. यानी किसी स्टूडेंट को मिलने वाले मार्क्स में उसकी स्कूल परफॉर्मेंस की बड़ी भूमिका होगी. स्कूल में पूरे साल होने वाले इंटरनल असेसमेंट्स 12वीं के बोर्ड रिजल्ट का अहम आधार होंगे.
वहीं, कोई स्कूल अपने स्टूडेंट्स को मनचाहे और योग्यता से कहीं ज्यादा मार्क्स न दे दे, इसके लिए रेफरेंस ईयर पॉलिसी लागू की जाएगी. जैसे 10वीं रिजल्ट के लिए सीबीएसई ने लागू किया है.
इसके अनुसार, हर स्कूल को पिछले तीन साल में से किसी एक (जो बेस्ट परफॉर्मेंस का साल रहा हो) को रेफरेंस ईयर बनायेंगे. स्कूल अपने किसी भी स्टूडेंट को उस रेफरेंस ईयर के दायरे से ज्यादा मार्क्स नहीं दे सकेंगे.
सीबीएसई सूत्रों ने भी इस बारे में जानकारी दी है. उनके अनुसार, अब सीबीएसई बोर्ड एक कमेटी का गठन करेगा. यह कमेटी रिजल्ट्स तैयार करने के लिए वैकल्पिक तरीके सुझाएगी.
सीबीएसई द्वारा जल्द ही 12वीं रिजल्ट के लिए मार्किंग स्कीम व इवैल्युएशन पॉलिसी जारी की जाएगी. फिलहाल आप सीबीएसई 10वीं मार्किंग स्कीम से इवैल्युएशन की कुछ प्रक्रिया समझ सकते हैं.