सीबीआई ने ऋषिकेश स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में घोटाले के आरोप में छापे मारे. छापे के बाद हड़कंप मचा रहा.
सीबीआई की टीम शुक्रवार तड़के एम्स की आवासीय कॉलोनी पहुंची. यहां एम्स, ऋषिकेश के तत्कालीन एडिशनल प्रोफेसरों और कुछ अन्य लोगों से जुड़े ठिकानों पर छापे मारे.
एम्स ऋषिकेश में 4.41 करोड़ के घोटाले का पर्दाफाश हुआ है. सीबीआई ने खरीद और प्राप्ति प्रक्रिया, निविदाओं के आवंटन में अनियमितताओं के मामले में अस्पताल परिसर सहित कुल 24 स्थानों पर छापेमारी की.
एम्स के प्रशासनिक अधिकारियों में हड़कंप मच गया. सीबीआई को शिकायत मिली थी कि स्वीपिंग मशीन की खरीद और एम्स, ऋषिकेश के अंदर एक केमिस्ट शॉप खोलने के लिएटेंडरों में गड़बड़ी की गई.
सीबीआई के मुताबिक आरोपियों ने निविदा प्रक्रिया से संबंधित भारत सरकार के दिशा निर्देशों का उल्लंघन किया.
फर्जी आधार पर प्रतिष्ठित बोलीदाताओं की गलत तरीके से जांच की और महत्वहीन फर्मों को काम दे दिया गया.
आरोपियों ने कथित तौर पर अपराध के जुड़े साक्ष्यों को भी गायब कर दिया. सीबीआई ने एम्स-ऋषिकेश के तत्कालीन अधिकारियों सहित 10 से ज्यादा व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए हैं.
सीबीआई ने पूर्व निदेशक रविकांत के 2017 से 2021 के कार्यकाल के दौरान कथित अनियमितताओं से संबंधित कई अहम जानकारियां हासिल की.
अभी भी सीबीआई घोटाले की जांच पड़ताल करने में जुटी हुई है.