केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने सेना भर्ती घोटाले के सिलसिले में अपना शिकंजा कसा है. जांच एजेंसी ने सोमवार को 13 शहरों में 30 स्थानों पर छापेमारी की. इस कार्रवाई में सेना के बड़े अफसरों की संलिप्तता शामिल आई है.
भर्ती से जुड़े भ्रष्टाचार के इस मामले में सीबीआई ने 23 अधिकारियों को नामजद किया है जिनमें सेना के पांच लेफ्टिनेंट कर्नल, एक मेजर और एक लेफ्टिनेंट का नाम शामिल है. इस रिश्वत कांड में कुछ और नाम भी सामने आ सकते हैं.
सीबीआई का कहना है कि आरोपियों में 17 सेनाकर्मी और छह अन्य लोग शामिल हैं. इन पर सर्विस सेलेक्शन बोर्ड के जरिए सेना के अधिकारियों एवं अन्य रैंक्स की भर्ती में अनियमितताएं करने एवं रिश्वत से जुड़े आरोप हैं. जांच एजेंसी का कहना है कि एडिशनल डाइरेक्टरेट जनरल, डिसिप्लीन एंड विजिलेंस, एजुटेंट जनरल ब्रांच, इंटिग्रेटेड एचक्यू ऑफ मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस (आर्मी) की तरफ से शिकायत मिली थी जिसके बाद केस दर्ज किया गया.
जांच एजेंसी को पिछले महीने शिकायत मिली थी कि सेना में कार्यरत कुछ ऐसे लोग हैं जो नई दिल्ली स्थित बेस अस्पताल में उम्मीदवारों का मेडिकल एग्जाम पास कराने के लिए रिश्वत ले रहे हैं. अधिकारियों ने बताया कि मामले के संबंध में दिल्ली के छावनी स्थित बेस अस्पताल समेत 13 शहरों के 30 स्थानों पर तलाशी ली गई. यह तलाशी अभियान कपूरथला, बठिंडा, दिल्ली, कैथल, पलवल, लखनऊ, बरेली, गोरखपुर, विशाखापत्तनम, जयपुर, गुवाहाटी, जोरहाट और चिरांग में चलाया गया.
उन्होंने बताया कि सेना हवाई रक्षा कोर का लेफ्टिनेंट कर्नल एमसीएसएनए भगवान भर्ती गिरोह का कथित मास्टरमाइंड है और उसके खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है. सीबीआई के प्रवक्ता आरसी जोशी ने बताया, ‘तलाशी के दौरान भर्ती प्रक्रिया से संबंधित कई अपराध-संकेती दस्तावेज बरामद किए गए हैं जिनकी आगे की तहीकात के लिए जांच की जा रही है.’
एजेंसी ने कहा कि 31 एसएसबी केंद्र उत्तर के लेफ्टिनेंट कर्नल सुरेंद्र सिंह, 6 माउंटेन डिवीजन ऑर्डनेंस यूनिट के लेफ्टिनेंट कर्नल वाईएस चौहान, भर्ती महानिदेशालय के लेफ्टिनेंट कर्नल सुखदेव अरोड़ा, लेफ्टिनेंट कर्नल विनय, जीटीओ, चयन केंद्र दक्षिण, बेंगलुरु और मेजर भावेश कुमार ने कथित रूप से अभ्यर्थियों के चयन में मदद की. आरोप है कि अधिकारियों और उनके रिश्तेदारों को कई लाख रुपये की रिश्वत दी गई.