भाजपा और जेडीयू बीच बढ़ती दरार की वजह से अभी तक बिहार में दूसरा मंत्रिमंडल विस्तार नहीं हो सका है. इस देरी का ठीकरा नीतीश भाजपा पर फोड़ चुके हैं. दूसरी तरफ राज्य में बड़ी पार्टी होने के नाते भाजपा की मांग बढ़ती जा रही है. वह पहले ही विधान परिषद के सभापति का पद और विधानसभा अध्यक्ष का पद ले चुकी है.
अब भाजपा के एक नेता ने गृह विभाग छोड़ने की मांग नीतीश से कर दी है. उसके बाद पिछले दिनों ‘अरुणाचल प्रदेश में भाजपा ने जदयू के छह विधायकों को अपने पाले में कर लिया.
इस पर जदयू ने बदले की कार्रवाई करते हुए यह फैसला ले लिया कि वह अन्य राज्यों में अपने बलबूते चुनाव लड़ेगी, उसके बाद मध्यप्रदेश में भाजपा शासित मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लव जिहाद पर कानून बनाकर जेडीयू को और भड़का दिया’.
भाजपा के इस नए ‘लव जिहाद’ कानून पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता केसी त्यागी और जेडीयू के नवनिर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष रामचंद्र प्रसाद सिंह यानी आरसीपी सिंह ने कड़ी आपत्ति जताई है. इसके अलावा जेडीयू को अब लगने लगा है कि भाजपा बिहार सरकार पर दबाव की राजनीति बना रही है.
गौरतलब है कि बिहार विधानसभा की 243 सीटों में से भाजपा 74 और जदयू 43 जीती है. दूसरी ओर राष्ट्रीय जनता दल ने सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है, उसने 75 सीटों पर विजय प्राप्त की है. इसके अलावा कांग्रेस को 19 सीटों पर सफलता मिली.
यह सब जानते हैं कि इस बार बिहार के चुनाव में भाजपा मजबूत और जदयू कमजोर हुई है. इसके बावजूद भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव पूर्व किए गए वादे के मुताबिक नीतीश को मुख्यमंत्री पद तो दे दिया लेकिन अब उसे अखरने लगा है.
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार