आज से ठीक एक साल पहले यानी 5 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन किया था. इन एक वर्षों में मंदिर निर्माण के काम में तेजी आई है. इसके साथ अयोध्या का भी तेजी के साथ विकास हो रहा है.
मंदिर की नींव भरने का काम करीब 60% पूरा हो चुका है. माना जा रहा है कि साल 2023 तक अयोध्या में भक्तों के लिए रामलला के दर्शन की व्यवस्था हो जाएगी. तब तक रामलला नए मंदिर में विराजमान होंगे, जबकि साल 2025 तक श्रीराम जन्मभूमि मंदिर परिसर पूरी तरह विकसित होगा.
हालांकि इसके बाद भी मंदिर के ऊपरी फ्लोर पर काम चलता रहेगा. मंदिर निर्माण शुरू होने के बाद एक साल के दौरान अयोध्या का विकास भी कई गुना तेज हुआ है. यहां बीते दो सालों में जमीन की कीमतें 8 गुना तक महंगी हुई हैं.
अयोध्या में जमीन की खरीद-फरोख्त इतनी तेजी से हो रही है कि यूपी सरकार को आदेश जारी कर यहां जमीन की बिक्री पर रोक लगानी पड़ी, क्योंकि सरकार को खुद के कई प्रोजेक्ट के लिए जमीन की जरूरत होगी. ट्रस्ट के मुताबिक राम मंदिर के निर्माण में कई धार्मिक, वास्तु चीजों का ध्यान रखा जा रहा है.
अगर पूरे श्री राम मंदिर कॉम्प्लेक्स की बात करें तो मंदिर के अलावा यहां पर म्यूजियम, गेस्ट हाउस और अन्य सभी प्रकार की आधुनिक सुविधाएं मिल सकेंगी. ये पूरा निर्माण करीब 110 एकड़ की ज़मीन पर हो रहा है, जबकि ट्रस्ट को कुल 67 एकड़ की ज़मीन मुहैया कराई गई थी. इस मौके पर योगी आदित्यनाथ भी अयोध्या पहुंचे. यहां उन्होंने मंदिर निर्माण और विकास कार्यों का जायजा भी लिया.