पूर्व अफसरों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की टिप्पणी का हवाला दिया है, जिसमें कहा गया है कि अगर लड़का और लड़की नाबालिग है और खुद की मर्जी से शादी कर रहे हैं, तो इसमें कहीं से भी कोई अपराध नहीं है.
कोर्ट ने पिछले महीने एक ऑर्डर दिया था, जिसमें किसी के व्यक्तिगत रिश्तों में दखल देना स्वतंत्रता के अधिकार का हनन है. पत्र में पूर्व अफसरों ने लिखा है कि कानून अल्पसंख्यकों के खिलाफ साजिश है और उन्हें परेशान करने के लिए बनाया गया है. लव जिहाद का नाम राइट विंग विचारधारा रखने वालों ने दिया है.
इसमें कथित तौर पर मुस्लिम पुरुष हिंदू महिलाओं को बहलाकर शादी करते हैं और फिर उन पर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाते हैं, ये केवल मनगढ़ंत कहानी है. यहां हम आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण रोधी अध्यादेश को लागू किए लगभग एक महीना हो चुका है, एक रिपोर्ट के मुताबिक इस कानून के तहत अब तक लगभग 35 लोगों को गिरफ्तार किया गया.
उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार जहां इस कानून का दमदार तरीके से बचाव कर रही है और इसे आवश्यक मानती है, वहीं इसका व्यापक पैमाने पर विरोध भी हो रहा है. दूसरी ओर विपक्ष के नेता और अब रिटायर्ड अफसरों ने योगी सरकार के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है.
शंभू नाथ गौतम वरिष्ठ पत्रकार