बसपा ने आज यूपी मिशन 22 के लिए सियासी एजेंडे सामने लाना शुरू कर दिया है. जिसमें पार्टी ने ब्राह्मणों के साथ धर्म को भी जोड़ लिया है. जिसकी शुरुआत बसपा ने अयोध्या से ब्राह्मणों के साथ की. मतलब साफ है ब्राह्मणों के सहारे एक बार फिर से मायावती सत्ता के सिंहासन पर काबिज होने के लिए तैयारी शुरू कर दी है.
बता दें कि उत्तर प्रदेश में बसपा ने भगवान श्रीराम, हनुमान और ब्राह्मणों से ‘आशीर्वाद’ लेकर अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की हुंकार भर दी . आज बीएसपी ने श्री राम की धरती अयोध्या से कई निशाने साधे. बता दें कि ब्राह्मणों को साथ लाने के लिए मायावती ने शुक्रवार से यूपी में ब्राह्मण सम्मेलन की शुरुआत कर दी है.
जिसकी शुरुआत आज से रामनगरी अयोध्या से की गई. पहले चरण में 23 से 29 जुलाई तक यूपी के 6 जिलों में ब्राह्मण सम्मेलन किए जाएंगे. बता दें कि बसपा उत्तर प्रदेश के अधिकांश जिलों में इस तरह के सम्मेलन आयोजित करने की तैयारी कर रही है.
विधान सभा चुनाव में ब्राह्मण मतदाताओं को लुभाने के लिए बसपा सुप्रीमो मायावती ने एक बार फिर सोशल इंजीनियरिंग का दांव चला है. ब्राह्मण सम्मेलन में अयोध्या पहुंचे पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र आज पूरी तरह से ‘आक्रामक मूड’ में दिखाई दिए. 2022 की लड़ाई में बीएसपी को लगता है कि वर्तमान योगी सरकार से जिस तरह ब्राह्मणों में नाराजगी है उसका फायदा उठाया जा सकता है.
अयोध्या में हनुमानगढ़ी मंदिर में बीएसपी नेता ‘सतीश चंद्र मिश्र ने पूजा पाठ के बाद वादा किया कि अगर बीएसपी की सरकार बनी तो राम का भव्य मंदिर बनाया जाएगा’. सतीश चंद्र ने प्राचीन जगन्नाथ मंदिर में पीठाधीश्वर राघव दास से आशीर्वाद लिया.
इस दौरान ‘मिश्र ने कहा कि हम ब्राह्मण लोग हैं और हर सुबह उठकर भगवान राम की पूजा करते रहे हैं. राम सबके हैं और हम भी उनकी पूजा के लिए ही यहां पहुंचे हैं, राम के नाम पर हम राजनीति नहीं करते हैं’.
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार