उत्‍तराखंड

स्मार्ट सिटी के नाम पर टूटे सपनेः देहरादून स्मार्ट के बजाय हुआ बदसूरत, शहरी विकास मंत्री ने दिए कड़े निर्देश

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उत्तराखंड सरकार राजधानी दून को स्मार्ट सिटी बनाने की कवायद लम्बे समय से चला रही है. लगभग 3 साल से अधिक समय हो चूका है लेकिन अभी भी जनता नाराज दिखाई दे रही है. शहर में सड़कों की हालत बहुत खराब है, हर जगह सड़कें खुदी हुई हैं, जगह-जगह पाइप लाइन बिछाने का कार्य चल रहा है. ऐसे में आमजन को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. इसके कारण लंबे लंबे जाम से लोगो को जूझना पड़ रहा है. बात करें देहरादून के मशहूर और सबसे पुराने एतिहासिक पलटन बाजार की तो यह भी बदसूरत हो गया है.

आपको बता दें कि पलटन बाजार में साल 2019 से स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत काम शुरू हो गया था लेकिन अब तक कई काम ज्यों का त्यों ही पड़ा है. स्थानीय लोगों द्वारा इस पर भी सवाल उठ रहे हैं. स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि जब से यहां काम शुरू हुआ है तब से बाजार की हालत बद से बदतर हो गई है. बाजार में स्थित अंग्रेजों के जमाने से बनी नालियां आज भी काम कर रही हैं जबकि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत बनी सीवरेज से हल्की बरसात में ही ओवरफ्लो हो जाता है. स्मार्ट सिटी के तहत बनी सिवरेज में सिर्फ पैसे का दुरुपयोग हुआ है और कुछ भी नहीं. 

इसलो लेकर शहरी विकास मंत्री ने दिए कड़े निर्देश है रिटेज बजार को स्मार्ट बनाने के लिए लगाई गई टाइल्स भी अब अपना दम तोड़ने लगी हैं और जगह-जगह टाइल्स के टूटने से गड्ढे भी बन गए हैं जिनमें आये दिन कई दोपहिया वाहन चालकों को चोटें भी लगी हैं, ऐसे हादसे पलटन बाजार में कई बार हो चुके हैं.

वहीं इसे लेकर शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल भी कई बैठक ले चुके हैं. अग्रवाल ने कहा कि यहां होने वाले कामों को लेकर सभी को निर्देशित किया गया है. साथ ही कहा गया है कि किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

स्मार्ट सिटी के नाम पर देहरादून शहर की स्मार्टनेस के सपने टूटते दिखाई दे रहे हैं. शहर को स्मार्ट बनाने के लिए करोड़ों रुपये तो लगाए गए हैं लेकिन शहर स्मार्ट बनने की बजाय बदसूरत जरूर हुआ है.

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