लोकतंत्र में राजशाही या राजा महाराजा भी हैं. इसे सुनकर चौंकना लाजिमी है, क्योंकि दशकों पहले भारत से राजशाही समाप्त हो चुकी है. लेकिन राजस्थान के बूंदी राजघराने में इस दस्तूर को कायम रखा गया है.
हाड़ा राजपूत कुल के नए प्रमुख के तौर पर ब्रिगेडियर भूपेश सिंह हाड़ा का चुनाव किया गया और उन्होंने रविवार को विधिवत पदभार ग्रहण किया.
पूर्ववर्ती बूंदी रियासत के 118 पुराने ठिकानेदारों और जागीरदारों में से 108 की सहमति से, पाग की दस्तूर नामक एक उचित समारोह के बाद ब्रिगेडियर भूपेश सिंह हाड़ा को हाड़ा राजपूतों के नए प्रमुख के रूप में चुना गया था.
बूंदी के हाड़ा राजपूत कुल के नए प्रमुख का चयन करने के लिए नियुक्त पाग समिति के प्रवक्ता अरिहंत सिंह को एक नया प्रधान चुना जाना था क्योंकि पिछले मुखिया का 2010 में उत्तराधिकारी के बिना निधन हो गया था.
नए ‘राजा’ की तलाश करने वाली पाग समिति के प्रवक्ता अरिहंत सिंह के मुताबिक ‘राजा का चुनाव करने के लिए हमने सोशल मीडिया पर अभियान चलाया था.
इसके लिए खास बात यह थी पाग समिति की तरफ से कहा गया था कि उपाधि योग्य व्यक्ति को मिलनी चाहिए. कई दौर की बैठकों एवं बातचीत के बाद कुछ नाम किए गए थे.
शिवेंद्र सिंह एवं ब्रिगेडियर हाड़ा का नाम सबसे आगे था. बूंदी के 118 पूर्व जागीदार एवं पूर्व ठिकानेदार में से 108 ने ब्रिग्रेडियर हाड़ा के नाम पर मुहर लगाई जिसके बाद चार दिसंबर को नए राजा के रूप में उनके नाम की घोषणा हुई.