तमिलनाडु| चेन्नई के वनगरम के श्रीवारु वेंकटचलपति पैलेस में आयोजित अन्नाद्रमुक पार्टी की आम परिषद की बैठक हंगामे के भेंट चढ़ गई. इस दौरान अन्नाद्रमुक के समन्वयक और पूर्व उप मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम पर बोतलें फेंकी गईं. हंगामा बढ़ता देख वह बैठक के दौरान बीच में से ही उठकर बाहर चला गए.
अन्नाद्रमुक के समन्वयक ओ. पनीरसेल्वम बृहस्पतिवार को यहां पार्टी की आम परिषद में सदस्यों के एकल नेतृत्व की मांग पर अड़े रहने और उनके प्रतिद्वंद्वी व संयुक्त संयोजक ई.के. पलानीस्वामी का पक्ष लिए जाने के बाद बैठक छोड़कर चले गए.
पलानीस्वामी के समर्थकों ने जैसे ही उन्हें एक सजा हुआ ताज, एक तलवार और राजदंड भेंट किया, पन्नीरसेल्वम और अन्नाद्रमुक उप सचिव वैथीलिंगम समेत उनके समर्थक बैठक से चले गए. शोर-गुल के बीच परिषद की बैठक 40 मिनट तक चली.
बैठक शुरू होते ही पहले से तय प्रस्तावों को पारित करने की प्रक्रिया शुरू हुई. इनमें से पहला प्रस्ताव संयोजक ओ. पन्नीरसेल्वम ने जबकि दूसरा पलानीस्वामी ने पेश किया। पलानीस्वामी ने संक्षिप्त संबोधन में पन्नीरसेल्वम को अपना ‘भाई’ बताया. हाल में राज्यसभा सदस्य निर्वाचित हुए वरिष्ठ नेता सी.वी. षणमुगम ने घोषणा की कि सामान्य परिषद सभी प्रस्तावों को खारिज करती है. उप सचिव के. पी. मुनुसामी ने कहा कि सामान्य परिषद के सभी सदस्यों ने सभी 23 प्रस्तावित प्रस्तावों को खारिज कर दिया है.
उन्होंने कहा कि सदस्यों की एकमात्र मांग एकल नेतृत्व है. मुनुसामी ने कहा कि भविष्य में होने वाली सामान्य परिषद की बैठक में जब (पलानीस्वामी के पक्ष में) एकल नेतृत्व प्रस्ताव पेश करके उसे पारित किया जाएगा, तभी अन्य सभी प्रस्तावों को भी मंजूरी दी जाएगी.
वरिष्ठ पदाधिकारी व पूर्व मंत्री बी. वलरमथी ने पलानीस्वामी के समर्थन में पार्टी के संस्थापक एमजी रामचंद्रन की फिल्म का एक गाना गाया और कहा, ‘एक नेता उभरेगा’. बैठक में पलानीस्वामी के समर्थक उन्हें पार्टी का सर्वोच्च नेता बनाने की मांग पर अड़े रहे.
यह घटनाक्रम पन्नीरसेल्वम के समर्थकों के सामने पलानीस्वामी खेमे की ताकत को दर्शाता है. बैठक में जब एकल नेतृत्व की मांग उठी, तब पन्नीरसेल्वम मंच पर पलानीस्वामी के निकट बैठे थे.
पार्टी ने घोषणा की कि आम परिषद की अगली बैठक 11 जुलाई को होगी. अन्नाद्रमुक की सामान्य परिषद की बृहस्पतिवार को यहां हुई बैठक के दौरान सभी 23 प्रस्तावों को खारिज कर दिया गया और घोषणा की गई कि परिषद के सदस्यों की एकमात्र मांग संयुक्त संयोजक ई.के. पलानीस्वामी के पक्ष में पार्टी के लिए एकल नेतृत्व व्यवस्था पेश करना है.