आज उत्तर प्रदेश का सियासी तापमान गर्म है. राम नगरी अयोध्या से सियासी तीर निकलने को लेकर यूपी में हलचल है. बता दें कि यह सियासी हलचल इस बार भाजपा, सपा, बसपा और कांग्रेस के आपसी विवाद को लेकर नहीं है बल्कि हैदराबाद वाले सांसद और एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी का आज से शुरू हो रहा तीन दिवसीय दौरे को लेकर है. ‘बता दें कि ओवैसी राजनीति के मैदान में ऐसे खिलाड़ी हैं जहां वे जाते हैं उससे पहले वे विवादों में घिर जाते हैं’. इस बार भी ऐसा ही हो रहा है. ‘मिशन 22’ के लिए ओवैसी का मंगलवार से शुरू हो रहा यूपी दौरा ‘चुनावी शंखनाद’ के रूप में देखा जा रहा है.
सबसे खास बात यह है कि असदुद्दीन चुनाव की शुरुआत ‘अयोध्या’ से कर रहे हैं. ‘वैसे तो सांसद ओवैसी अयोध्या में सम्मेलन करने वाले हैं लेकिन अपनी पार्टी के लगाए गए पोस्टरों में वह अयोध्या न जाकर फैजाबाद आ रहे हैं एआईएमआईएम के पोस्टरों में जिले का नाम अयोध्या की जगह फैजाबाद लिखा गया है, इसे लेकर कई दिनों से सियासी पारा चढ़ा हुआ है’. दरअसल अयोध्या को फैजाबाद कहने के पीछे ओवैसी की अपनी चुनावी राजनीति है, मगर ओवैसी के अयोध्या दौरे से विवाद छिड़ा हुआ है.
अयोध्या के साधु-संतों सहित पूर्व मुस्लिम पक्षकार ओवैसी के दौरे पर रोक लगाने की मांग कर रहे हैं. यूपी में अपना चुनावी मोर्चा आगे बढ़ाने के लिए ओवैसी ने अयोध्या को पहला ‘पड़ाव’ बनाया है। लेकिन इस दौरे से पहले उन्होंने अपनी सियासत से मेल खाता बड़ा दांव भी चल दिया. ओवैसी पहुंच तो रहे हैं अयोध्या लेकिन बता रहे हैं फैजाबाद. सच्चाई यही है कि योगी सरकार ने नवंबर 2018 में ही फैजाबाद जिले का नाम बदलकर अयोध्या कर दिया था. इस लिहाज से उनका चुनावी दौरा अयोध्या में ही है.
‘एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी अयोध्या के मुस्लिम बहुल इलाके रुदौली में सभा करेंगे. इसके साथ वे तीन दिनों तक यूपी में अपनी पार्टी का जनाधार बढ़ाने के लिए सियासी जमीन भी तलाशेंगे, ओवैसी के यूपी आने की आहट भर से समाजवादी पार्टी, बीएसपी और कांग्रेस की बेचैनी के साथ धड़कनें बढ़ जाती हैं, इसका कारण है मुस्लिम वोटर. गौरतलब है कि यह विपक्षी दल प्रदेश में करीब बीस प्रतिशत मुसलमान वोटरों को अपने-अपने हिसाब से राजनीति का गणित समझा रहे हैं’. वहीं ‘बीजेपी ने ओवैसी को नसीहत दी है कि राम की नगरी में जा रहे हैं तो रामलला के दर्शन भी कर लें’. दूसरी ओर योगी सरकार उनके अयोध्या दौरे को लेकर कड़ी निगाह लगाए हुए हैं.
ओवैसी के अयोध्या को फैजाबाद लिखने पर साधु- संत समाज में भारी विरोध—
बता दें कि अयोध्या से 40 किलोमीटर दूर रुदौली में आज शोषित वंचित समाज सम्मेलन में शामिल होने के लिए एआईएमआईएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी पहुंच रहे हैं. इसके लिए पार्टी की तरफ से कुछ स्थानों पर ‘पोस्टर’ लगाए गए हैं. इसमे अयोध्या के स्थान का नाम ‘फैजाबाद’ लिखा हुआ है. इसको लेकर अयोध्या के महंत परमहंस दास ने कड़ी आपत्ति जताई है. वहीं ‘हनुमानगढ़ी के पुजारी राजूदास ने ओवैसी के पोस्टर पर सवाल उठाते हुए कहा कि फैजाबाद का नाम सरकारी अभिलेख में अयोध्या हो गया है तो पोस्टर पर फैजाबाद का नाम क्यों दिखाया जा रहा है, यदि अयोध्या नाम से ओवैसी को इतनी चिढ़ है तो यहां आने की क्या जरूरत’.
पूर्व मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी ने भी ओवैसी के अयोध्या दौरे का विरोध किया है, उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज के लोग ओवैसी से सावधान रहें. ओवैसी को उत्तर प्रदेश नहीं आना चाहिए था, वह हैदराबाद के हैं वहीं की राजनीति करें यूपी में आकर मुसलमानों के नाम पर सियासत न करें. संतों का कहना है कि जब पूरे देश को पता है कि योगी सरकार ने फैजाबाद का नाम बदल कर अयोध्या कर दिया था तो असदुद्दीन ओवैसी जानबूझकर फैजाबाद नाम को लेकर हवा देने में लगे हुए हैं. संतों का कहना है कि अयोध्या को फैजाबाद कहना हिंदू धर्म का अपमान है. वहीं दूसरी ओर वाराणसी के संत रितेश्वर महाराज ने कहा कि ओवैसी को अयोध्या जाना चाहिए, आखिर उनके पूर्वज भी तो ‘हिंदू’ थे.
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार
भू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार