कोलकाता| पश्चिम बंगाल में भाजपा तथा तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच झड़पों का सिलसिला जारी है. ताजा मामला राज्य के दक्षिण 24 परगना जिले से आया है जहां के नोदाखली गांव में तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर बीजेपी कार्यकर्ताओं को दौड़ा-दौड़ाकर लाठी डंडों से मारा.
बीजेपी के ये कार्यकर्ता किसान बिल के समर्थन में एक मार्च निकाल रहे थे और इसी दौरान उन्हें टीएमसी कार्यकर्ताओं ने रोक लिया और फिर झड़प के बाद पिटाई शुरू कर दी.
मामला सामने आने के बाद पुलिस भी सक्रिय हुई है और अभी तक 7 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है.
पश्चिम बंगाल भाजपा के प्रभारी कैलाश विजवर्गीय ने इस घटना की निंदा करते हुए ममता सरकार पर हमाल बोला है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘बंगाल में इन दिनों टीएमसी के गुंडों का आतंक है.
आज नोदाखली पुलिस स्टेशन के तहत बावली ट्रेकर स्टैंड के पास इन गुंडों ने कृषि सुरक्षा मार्च पर ईंट,पत्थर,बमों से हमला कर दिया, जिसमें 10 लोग घायल हो गए और बीजेपी कार्यकर्ता देबाशीष भुइयां गंभीर रूप से घायल हो गया.
ममता की पुलिस का कोई भी अधिकारी फ़ोन नहीं उठा रहा है, उल्टा भाजपा कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर रहे है.’
यह पहला मौका नहीं है जब बीजेपी कार्यकर्ताओं की इस तरह टीएमसी कार्यकर्ताओं ने पिटाई की हो. इससे पहले भी दोनों दलों को वर्कर्स के बीच झड़पों की कई खबरें आ चुकी हैं. भाजपा के कई कार्यकर्ताओं की बंगाल में हत्या हो चुकी है और इसका आरोप टीएमसी पर ही लगा है.
शुक्रवार को ही भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई ने हाल ही में लागू कृषि कानूनों के समर्थन में राज्य में विभिन्न स्थानों पर रैलियां निकालीं, वहीं पुलिस ने कोलकाता में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष की ऐसी एक रैली को रोक दिया.
पुलिस ने शहर के पूर्वी हिस्से में स्थित बेलाघाटा इलाके में घोष के नेतृत्व में निकाली जा रही एक मोटरबाइक रैली को अवरोधक लगाकर रोक दिया. हालांकि रैली में भाग ले रहे कुछ कार्यकर्ता पुलिस अवरोधकों को पार कर निकलने में सफल रहे.