आज बात एक बार फिर पश्चिम बंगाल की सियासत पर होगी. जैसे-जैसे बंगाल का विधानसभा चुनाव नजदीक आता जा रहा है, भाजपा और तृणमूल कांग्रेस की लड़ाई भी तेज होती जा रही है. हालांकि अभी चुनाव होने में 2 से 3 महीने का समय है लेकिन आज ‘भाजपा 90 के दशक का अपना सबसे मजबूत सियासी फार्मूला अपनाने जा रही है’.
जी हां हम बात कर रहे हैं ‘रथ यात्रा’ की. आज से भाजपा के नेता बंगाल में सत्ता परिवर्तन को लेकर रथ पर सवार हो रहे हैं. शनिवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा परिवर्तन रथ यात्रा रवाना करने के लिए बंगाल पहुंचे हैं. बता दें कि बीजेपी का यह रथ पांच चरणों में बंगाल के अधिकांश नगरों में घूमते हुए राज्य के सभी 294 विधानसभा क्षेत्रों में पहुंचेगा.
बीजेपी की इस रथयात्रा को लेकर तृणमूल कांग्रेस और ममता बनर्जी ने कड़ा एतराज जताया है. टीएमसी का कहना है कि भाजपा की इस परिवर्तन यात्रा से बंगाल में अशांति का माहौल बनेगा.
लेकिन भाजपा केंद्रीय नेतृत्व से लेकर बंगाल के स्थानीय नेता रथयात्रा निकालने को लेकर जिद पर अड़े हुए हैं. शुक्रवार को पश्चिम बंगाल में भाजपा की परिवर्तन रथ यात्रा पर पुलिस ने स्पष्टीकरण मांगा उसके बाद रैली की इजाजत दी गई.
बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि अगर बंगाल सरकार इस परिवर्तन यात्रा की इजाजत नहीं देती तो हमें भी ममता बनर्जी को जवाब देना आता है. रथ यात्रा को लेकर दोनों पार्टियों के बीच अब नया घमासान शुरू हो गया है.
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार