संयोग देखिए चार दिन पहले ही कांग्रेस ने भाजपा का सूपड़ा साफ किया था अब भाजपा ने कांग्रेस का सफाया कर दिया. उस दिन कांग्रेस को मिली ऐतिहासिक जीत के बाद भाजपा नेताओं में मायूसी छाई थी अब कांग्रेसी नेताओं का वही हाल है. जी हां, हम बात कर रहे हैं पंजाब और गुजरात में हुए निकाय चुनावों की.
18 फरवरी को पंजाब निकाय चुनाव के जैसे-जैसे नतीजे आते जा रहे थे भाजपा का सूपड़ा साफ होता जा रहा था. पंजाब निकाय चुनाव के पूरे नतीजों के बाद भाजपा के सफाए का ठीकरा कृषि बिल और किसानों का आंदोलन माना गया. निकाय चुनाव में मिली करारी हार की गूंज पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी भाजपा केंद्रीय नेतृत्व को बेचैन कर गई.
दूसरी ओर पंजाब के निकाय चुनाव में मिली एकतरफा जीत के बाद कांग्रेसियों ने सड़क पर उतरकर जश्न मनाया. पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से लेकर दिल्ली में बैठे कांग्रेस हाईकमान को केंद्र सरकार पर कृषि कानून और किसान आंदोलन को लेकर हमला करने का मौका मिल गया. लेकिन ठीक 4 दिन बाद कांग्रेस की खुशियों में उस समय ग्रहण लग गया जब 23 फरवरी मंगलवार को गुजरात में हुए निकाय चुनाव के आए परिणामों ने भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस का सफाया कर दिया.
गुजरात के स्थानीय निकाय के चुनावों में भाजपा ने जबरदस्त जीत हासिल की. पिछले चुनावों के मुकाबले भाजपा ने शहरी इलाकों में सफलता का परचम ज्यादा सीटें जीत कर लहराया. बता दें कि छह महानगर पालिका की 576 सीटों पर 21 फरवरी को मतदान कराया गया था। गुजरात के 6 महानगर पालिका चुनावों में एक बार फिर भाजपा का परचम लहराया है। अहमदाबाद, सूरत, राजकोट, वडोदरा, जामनगर और भावनगर में भाजपा का कब्जा रहा.
भाजपा ने इन शहरो में 489 यानी 85, प्रतिशत और कांग्रेस ने 46 यानी आठ प्रतिशत सीटें जीतीं। वहीं दूसरी ओर आम आदमी पार्टी सूरत में शानदार प्रदर्शन करते हुए जहां दूसरे नंबर की पार्टी बन गई, कांग्रेस यहां खाता भी नहीं खोल पाई.
गुजरात की अहमदाबाद, सूरत, वडोदरा, राजकोट, जामनगर तथा भावनगर महानगर पालिका के चुनाव में भाजपा ने शानदार जीत दर्ज की है. भाजपा की जीत के बाद प्रदेश में कार्यकर्ताओं ने सड़क पर उतर कर खूब जश्न मनाया, इस दौरान अहमदाबाद में गृहमंत्री अमित शाह भी मौजूद रहे.
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार