राज्यसभा में 92 सीट के साथ और मजबूत हुई बीजेपी, अब तक की सबसे कमजोर हालत में कांग्रेस

नई दिल्ली| राज्यसभा के लिए उत्तर प्रदेश की 10 सीटों के लिए सभी प्रत्याशी निर्विरोध चुन लिए गए. सोमवार को नाम वापस लेने का वक्त खत्म होते ही चुनाव अधिकारी ने प्रत्याशियों के निर्विरोध निर्वाचित होने की घोषणा की.

इसी के साथ इतिहास में भारतीय जनता पार्टी पहली बार राज्यसभा में सबसे बेहतर स्थिति में पहुंच गई है. वहीं कांग्रेस अपने इतिहास के सबसे खराब हाल में है.

राज्यसभा की 9 सीटों पर बीजेपी की जीत के बाद सदन में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के सदस्यों की संख्या 92 हो गई हैं.

वहीं, संसद के ऊपरी सदन में लंबे समय तक अपना दबदबा बनाए रखने वाली कांग्रेस के सदस्यों की संख्या अब सिर्फ 38 रह गई है.

उत्तर प्रदेश के मौजूदा विधानसभा में अभी 395 (कुल सदस्य संख्या-403) विधायक हैं और 8 सीटें खाली हैं, जिनमें से 7 सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं.

यूपी विधानसभा की मौजूदा स्थिति के आधार पर नवंबर में होने वाले चुनाव में जीत के लिए हर सदस्य को करीब 36 वोट चाहिए थे.

यूपी में मौजूदा समय में बीजेपी के पास 306 विधायक हैं जबकि 9 अपना दल और 3 निर्दलीय विधायकों का समर्थन हासिल है. वहीं, एसपी 48, कांग्रेस के सात, बीएसपी के 18 और ओम प्रकाश राजभर की पार्टी के चार विधायक हैं.

उत्तर प्रदेश की इन सीटों से राज्यसभा पहुंचे लोगों में बीजेपी की ओर से केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, अरुण सिंह, पूर्व डीजीपी बृजलाल, नीरज शेखर, हरिद्वार दुबे, गीता शाक्य, बीएल शर्मा और सीमा द्विवेदी शामिल हैं. वहीं, एक सीट समाजवादी पार्टी के राम गोपाल यादव और एक सीट बहुजन समाज पार्टी के रामजी गौतम के खाते में गई है.

राज्यसभा में कुल सीटें 245 हैं जिनमें से 12 सीटों पर राष्ट्रपति सदस्यों को नामांकित करते हैं. बाकी सीटों पर चुनाव होता है. उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की राज्यसभा की 11 सीटों पर नतीजे साफ होने के बाद राज्यसभा का समीकरण एकाएक बदल गया है. बीजेपी अब तक के शिखर पर है.

अब उसके पास कुल 92 सीटें हो गई. वहीं, कांग्रेस के पास सिर्फ 38 सीटें बची है. अगर बात करें एनडीए की तो अब राज्यसभा में एनडीए की कुल सीटों की संख्या 112 हो जाएगी. यह संख्या बहुमत के आंकड़े से 10 सीटें कम है.

एनडीए में शामिल जेडीयू के 5 पांच सदस्य हैं. जबकि आरपीआई-आठवले, असम गण परिषद, नेशनल पीपुल्स पार्टी, मिजो नेशनल फ्रंट, नगा पीपुल्स फ्रंट, बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट और पीएमके के एक-एक सदस्य हैं.

जरूरत पड़ने पर भाजपा के नेतृत्व वाला एनडीए गठबंधन अन्नाद्रमुक के 9, बीजू जनता दल के 9, तेलंगाना राष्ट्र समिति के 7 और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के 6 सदस्यों का समर्थन हासिल कर सकता है. ये पार्टियां अतीत में कई मौकों पर राजग के साथ खड़ी नजर आई हैं.

राज्यसभा के ताजा चुनाव में कांग्रेस को दो, समाजवादी पार्टी को तीन और बसपा को एक सीट का नुकसान उठाना पड़ा है.

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