आज उत्तराखंड की सियासत पर चर्चा करें उससे पहले आपको बता दें कि दो महीने पहले मध्य प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान पूर्व सीएम कमलनाथ ने भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ रहीं इमरती देवी के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी कर दी थी.
‘कमलनाथ के इस आपत्तिजनक बोल के बाद एमपी की सियासत गरमा गई थी, जिसका कांग्रेस को उपचुनाव के दौरान भारी नुकसान उठाना पड़ा था. मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने प्रचार के दौरान महिलाओं के आत्मसम्मान से जोड़ते हुए इसे मुद्दा बना लिया था’. कमलनाथ की मुसीबत यहीं कम नहीं हुई बल्कि राहुल गांधी ने उन्हें माफी मांगने के लिए कहा था, लेकिन कमलनाथ ने माफी नहीं मांगी सिर्फ खेद जताया था.
अब बात करेंगे उत्तराखंड राजनीति की. आज 6 जनवरी दिन बुधवार है. राजधानी देहरादून में सुबह से ही कांग्रेस के नेता एक बार फिर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष समेत रावत सरकार को घेरने के लिए आक्रामक हैं. कुछ समय पहले ही सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत अपने विधायकों महेश नेगी और कुंवर प्रणव चैंपियन पर लगे गंभीर आरोपों से उभर भी नहीं पाए थे कि अब बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष का बयान उनके लिए परेशानी बन गया है.
आइए आपको बताते हैं त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार के लिए नई सियासी मुसीबत क्या है. बात करेंगे उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत की. भगत ने बैठे-बिठाए कांग्रेस को मुद्दा थमा दिया. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने उत्तराखंड कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉ. इंदिरा हृदयेश को ‘बुढ़िया’ कह कर पुकारने में देवभूमि का सियासी बाजार गर्म कर दिया.
बंशीधर भगत के बयान के विरोध में कांग्रेसियों ने इसे भाजपा की संस्कृति से जोड़ते हुए प्रदेश सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरने का मन बना रहे हैं. पूर्व सीएम और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की इस टिप्पणी पर आपत्ति जताई है.
वहीं कांग्रेस कमेटी की सदस्य गरिमा मेहरा दसौनी ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भगत के बयान के बाद कहा कि उन्होंने महिलाओं के मान सम्मान पर भारी ठेस पहुंचाई है, कांग्रेस इसे बर्दाश्त नहीं करेगी. मामला बढ़ने पर सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इंदिरा हृदयेश से माफी मांगी. सीएम के माफी मांगने के बाद भी कांग्रेस नेता भाजपा सरकार को घेरनी की तैयारी कर रहे हैैं.
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार