आज बात एक बार फिर पश्चिम बंगाल की होगी. सोते-उठते-जागते भाजपा को सिर्फ बंगाल ही दिखाई दे रहा है. बंगाल में अगले साल अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव होंगे. इससे पहले राजनीतिक उठापटक तेज है.
पिछले दिनों गृहमंत्री अमित शाह की मौजूदगी में तृणमूल के बागी और कद्दावर नेता शुभेंदु अधिकारी के साथ 10 विधायक भाजपा में शामिल हो गए थे. बता दें कि अभी बंगाल चुनाव में लगभग 5 महीने बाकी है लेकिन तब तक भाजपा यहां अपना माहौल बनाना चाहती है.
‘अमित शाह ने अब बंगाल फतह पाने के लिए सियासी पिच पर एक और मास्टर स्ट्रोक खेला’. पूर्व भारतीय क्रिकेट टीम कप्तान और वर्तमान में बीसीसीआई अध्यक्ष सौरभ गांगुली पर अब बीजेपी फिदा होने लगी है.
भाजपा के चाणक्य अमित शाह बंगाल में अब ‘दादा बनाम दीदी’ की सीधी लड़ाई कराना चाह रहे हैं, इसलिए भाजपा सौरव को पार्टी में शामिल करने के लिए पूरा जोर लगा रही है. सोमवार को राजनीतिक गलियारे में बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली के भारतीय जनता पार्टी में ज्वाइन करने के लिए अटकलें शुरू हो गई हैं.
‘पिछले दिनों बंगाल दौरे में अमित शाह ने कहा था कि कोई बंगाली ही भाजपा की ओर से राज्य का मुख्यमंत्री होगा. गृहमंत्री शाह के इस बयान के बाद गांगुली के भाजपा में बैटिंग करने के कयास लगने शुरू हो गए हैं’.
सौरव के बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से अच्छे संबंध हैं. सौरव को बंगाल क्रिकेट संघ का अध्यक्ष बनाने में ममता की सीधे तौर पर भूमिका रही है.
इसी तरह सौरव के केंद्रीय गृहमंत्री व भाजपा के कद्दावर नेता अमित शाह के साथ भी तगड़ी दोस्ती है. बता दें कि अमित शाह के समर्थन से ही दादा बीसीसीआई के अध्यक्ष बने थे.
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने रविवार को गांगुली से मुलाकात कर भाजपा की राह आसान कर दी. सोमवार को राजधानी दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान अमित शाह ने दादा को अपने साथ खड़ा कर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को चुनौती दी.
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार