मुकुल रॉय की भाजपा से टीएमसी में हुई वापसी की एक वजह शुभेंदु अधिकारी माना गया था. अब राज्य में भारतीय जनता पार्टी के कई विधायकों को शुभेंदु अधिकारी का ‘नेतृत्व’ पसंद नहीं आ रहा है? जो विधायक शुभेंदु के साथ राज्यपाल से मिलने नहीं पहुंचे उनमें से ज्यादातर उत्तर बंगाल से आते हैं.
यहीं पर सवाल उठने लगा कि क्या यह विधायक टीएमसी में शामिल होने जा रहे हैं, क्योंकि पिछले कई दिनों से और खासतौर पर मुकुल रॉय के टीएमसी में शामिल होने के बाद से अटकलें बढ़ गई हैं कि बीजेपी के कई विधायक टीएमसी में शामिल हो सकते हैं.
पिछले हफ्ते मुकुल रॉय तृणमूल में लौट आए. माना जा रहा है कि राजीव बनर्जी, दीपेंदु विश्वास और सुभ्रांशु रॉय सहित कई अन्य नेता भी रॉय के पीछे-पीछे घर वापसी कर सकते हैं. बता दें कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी कहा था कि पार्टी उन लोगों के मामले पर विचार करेगी, जिन्होंने मुकुल के साथ तृणमूल छोड़ी थी और वापस आना चाहते हैं. 30 से ज्यादा विधायक उनके संपर्क में हैं.
रॉय से पहले सोनाली गुहा और दीपेंदु बिस्वास जैसे नेताओं ने खुलकर कहा था कि वे पार्टी में वापस लौटना चाहते हैं. गौरतलब है कि शुभेंदु अधिकारी पिछले साल दिसंबर में भाजपा में शामिल हुए थे और उनके बाद तृणमूल कांग्रेस के कई नेताओं ने भाजपा का दामन थामा था. उसके बाद विधानसभा चुनाव में शुभेंदु अधिकारी ने नंदीग्राम में ममता बनर्जी को हराया तो बीजेपी में उनका ‘कद’ काफी बढ़ गया है.
भाजपा हाईकमान ने पिछले दिनों अधिकारी को विपक्ष का नेता बनाया है. लेकिन अब मुकुल रॉय की घर वापसी के बाद कई भाजपा विधायक शुभेंदु अधिकारी से ‘नाराज’ बताए जा रहे हैं. बंगाल में भाजपा विधायकों और नेताओं की भगदड़ ऐसे ही जारी रही तो ममता बनर्जी की ताकत और बढ़ेगी. वैसे भी ममता राज्य में भाजपा का सफाई अभियान चलाने में लगी हुई हैं.
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार