उत्तराखंड: भाजपा विधायक काऊ के ‘लेटर बम’ से पार्टी में तूफान, पढ़ें क्या है पूरा मामला

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उतराखंड में रायपुर से भाजपा विधायक उमेश शर्मा काऊ के एक पत्र से पार्टी में खलबली मच गई है. काऊ ने पार्टी के प्रशिक्षण वर्ग कार्यक्रम में मुख्य वक्ता इंदु बाला पर पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के खिलाफ आपत्तिजनक और अशोभनीय टिप्पणी करने का आरोप लगाया है.

इंदु बाला पर अनुशासनात्मक कार्रवाई को लेकर उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत से शिकायत की है. शिकायती पत्र की प्रति उन्होंने प्रदेश महामंत्री संगठन अजेय कुमार, राष्ट्रीय सह महामंत्री संगठन शिव प्रकाश और विजय बहुगुणा को भी भेजी है.

उनका यह पत्र सोशल मीडिया में वायरल हो गया है. काऊ ने यह शिकायत वीरचंद्र सिंह गढ़वाली मंडल के उपाध्यक्ष, मंत्री व पार्षद के संयुक्त हस्ताक्षरित पत्र के आधार पर की है.

उधर, पत्र लीक हो जाने के बाद भाजपा के भीतर तूफान खड़ा हो गया. पार्टी प्रदेश अध्यक्ष भगत और प्रदेश संगठन महामंत्री ने भी इंदु बाला से जानकारी ली.

विधायक उमेश शर्मा काऊ के पत्र के मुताबिक 31 अक्तूबर को रायपुर विधानसभा क्षेत्र के तीनों मंडलों में प्रशिक्षण शिविर का आयोजन हुआ था. वीरचंद्र सिंह गढ़वाली मंडल के प्रशिक्षण में समापन के आठवें सत्र में इंदु बाला को मुख्य वक्ता बनाया गया था.

आरोप है कि उन्होंने अपने उद्बोधन में पूर्व मुख्यमंत्री व सदस्य कोर कमेटी विजय बहुगुणा के खिलाफ अशोभनीय टिप्पणियां कीं.

आरोप यह भी है कि उस दौरान महानगर अध्यक्ष सीताराम व मंडल अध्यक्ष सुभाष यादव मंच पर थे, लेकिन उन्होंने इंदु बाला को बोलने से नहीं रोका.

इंदु बाला ने पार्टी विधायक उमेश काऊ के आरोपों को गलत बताते हुए सिरे से खारिज कर दिया है. बकौल इंदु बाला, प्रशिक्षण वर्ग में मुझे सरकार की उपलब्धियों पर बोलना था. मैंने पूर्व सरकारों से तुलना करते हुए उनकी आलोचना की.

मैंने किसी भी नेता का नाम नहीं लिया. इस बात को बेवजह तूल दिया जा रहा है. मैंने कुछ गलत नहीं किया. प्रदेश अध्यक्ष और प्रदेश महामंत्री संगठन को मैंने अपना पक्ष बता दिया है.

भाजपा विधायक उमेश शर्मा काऊ के पत्र के बाद चर्चाओं में आई इंदु बाला को प्रदेश सरकार ने बुधवार को उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड का सदस्य नामित किया था. वे बोर्ड में कर्मकारों के प्रतिनिधित्व के तौर पर सदस्य बनाई गईं हैं.

भाजपा विधायक उमेश शर्मा काऊ उन विधायकों में शामिल हैं, जो पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के नेतृत्व में कांग्रेस से बगावत कर भाजपा में शामिल हो गए थे.

पार्टी टिकट पर काऊ अपनी रायपुर सीट से विधायक चुने गए. पिछले दिनों भी काऊ राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को भेजे पत्र को लेकर चर्चाओं में आए थे.

उन्होंने अपनी विधानसभा में विकास कार्य न किए जाने की शिकायत की थी. इससे पूर्व वह एक विवादित ऑडियो के वायरल हो जाने के बाद चर्चाओं में आ गए थे.

पार्टी ने उन्हें नोटिस दिया था. निकाय चुनाव में भी उनका पार्टी के कार्यकर्ताओं से विवाद रहा. अब भी काऊ से जुड़े विवाद थम नहीं रहे हैं. 

सियासी हलकों में यह चर्चा आम है कि भाजपा के ही कई दिग्गज नेताओं की काऊ की सीट पर नजर है. हालांकि पार्टी के प्रांतीय नेतृत्व इस संभावना से साफ इनकार करता रहा है. 

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने कहा मुझे अभी विधायक का पत्र प्राप्त नहीं हुआ है, विधायक सौरभ बहुगुणा ने मुझे फोन पर उनके पिता के लिए की गई टिप्पणी के बारे में बताया, मैंने इंदु बाला से इस बारे में पूछा. उन्होंने बताया कि उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया. पहले की सरकारों के बारे में ही कहा. इस बारे में उनसे अलग से पूछा जाएगा. 

साभार-अमर उजाला


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