देहरादून| शनिवार को विधानसभा चुनावों से कुछ ही महीने पहले उत्तराखंड में नाटकीय घटनाक्रम में युवा भाजपा विधायक पुष्कर सिंह धामी को प्रदेश का नया मुख्यमंत्री चुन लिया गया. वह रविवार को पद और गोपनीयता की शपथ लेंगे.
उधमसिंह नगर जिले के खटीमा से दो बार के भाजपा विधायक 45 वर्षीय पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड के अब तक के सबसे युवा मुख्यमंत्री होंगे.धामी प्रदेश के 11 वें मुख्यमंत्री के रूप में रविवार को शपथ ग्रहण करेंगे. वह तीरथ सिंह रावत की जगह लेंगे जिन्होंने चार महीने से भी कम के अपने कार्यकाल के बाद प्रदेश में उपजे संवैधानिक संकट के कारण शुक्रवार देर रात पद से इस्तीफा दे दिया था.
सर्वसम्मति से धामी के नाम पर मुहर
यहां राज्य भाजपा मुख्यालय में पर्यवेक्षक और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, पार्टी मामलों के प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम और निवर्तमान मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की मौजूदगी में हुई पार्टी विधायक दल की बैठक में धामी का नाम सर्वसम्मति से तय हुआ.
विधायक दल की बैठक के बाद तोमर ने बताया कि धामी के नाम का प्रस्ताव निवर्तमान मुख्यमंत्री तीरथ सिंह और प्रदेश पार्टी अध्यक्ष मदन कौशिक ने रखा जिसका अनुमोदन पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत सहित कई विधायकों ने किया. उन्होंने बताया कि बैठक में धामी के अलावा किसी और के नाम का प्रस्ताव नहीं रखा गया जिसके बाद उन्हें विधायक दल का नेता चुन लिया गया.
भगत सिंह कोश्यारी के करीबी रहे हैं
विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद धामी पार्टी नेताओं के साथ राजभवन गए जहां उन्होंने राज्यपाल बेबी रानी मौर्य से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया. राजभवन सूत्रों ने बताया कि धामी नए मुख्यमंत्री के रूप में रविवार की शाम शपथ लेंगे.छात्र राजनीति से जुड़े रहे 45 वर्षीय धामी महाराष्ट्र के राज्यपाल और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यिारी के करीबी हैं और माना जाता है कि कोश्यिारी उन्हें उंगली पकड़कर राजनीति में लाए थे.
खटीमा से विधायक हैं पुष्कर सिंह धामी
धामी के नाम का ऐलान होते ही उनके समर्थकों ने जमकर उनके नाम के नारे लगाए और उन्हें फूल मालाओं से लाद दिया. समर्थकों के जयकारों के बीच धामी ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित अपने पूरे केंद्रीय नेतृत्व का आभार व्यक्त करते हैं कि उन्होंने इस जिम्मेदारी के लिए उन पर भरोसा किया.उन्होंने कहा कि वह पिथौरागढ़ के सीमांत क्षेत्र कनालीछीना में एक पूर्व सैनिक के घर में पैदा हुए लेकिन खटीमा उनकी कर्मभूमि है.
वर्ष 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि सभी के सहयोग से वह न केवल हर चुनौती को पार करेंगे बल्कि अपने पूर्ववर्तियों द्वारा किए गए कार्यों को आगे बढाएंगे.
उन्होंने कहा कि उनकी प्राथमिकता जनता की सेवा है जिसके लिए वह पूरे मन से काम करेंगे. इससे पहले, प्रदेश में उपजे संवैधानिक संकट के बीच तीन दिनों तक चले राजनीतिक उहापोह के बाद शुक्रवार देर रात तीरथ सिंह ने राज्यपाल बेबी रानी मौर्य से मिलकर मुख्यमंत्री पद से अपना इस्तीफा सौंप दिया.