यास चक्रवात बंगाल और उड़ीसा में तबाही मचाने के बाद अब शांत हो चुका है. लेकिन बंगाल से लेकर दिल्ली तक ‘सियासी बवाल’ शुरू हो गया है. भाजपा और तृणमूल कांग्रेस की तकरार और ‘गर्म’ हो गई. ममता बनर्जी ने पीएम मोदी द्वारा बुलाई गई बैठक में भाग नहीं लिया था. इसके चंद घंटे बाद राज्य के मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय पर ‘शिकंजा’ कसते हुए केंद्र सरकार ने दिल्ली बुलाने के आदेश जारी करा दिए. उसके बाद शुरू हुआ भाजपा नेताओं का ममता बनर्जी की ‘निंदा करने का दौर.
भाजपा के केंद्रीय मंत्री और पार्टी के अध्यक्ष मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को ‘आचरण’ सुधारने की नसीहत देते रहे. यास से बंगाल में हुए नुकसान का आकलन करने गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से कलाईकुंडा में बुलाई गई बैठक में ममता के शामिल नहीं होने पर ‘केंद्रीय मंत्रियों व भाजपा नेताओं के शुक्रवार शाम से शुरू हुए ट्वीट देर रात तक चलते रहे’. रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित पार्टी के कई शीर्ष नेताओं ने आरोप लगाया कि चक्रवात यास से हुए नुकसान की समीक्षा के लिए पश्चिम बंगाल में हुई प्रधानमंत्री मोदी की बैठक से मुख्यमंत्री ममता नदारद रहीं और ऐसा करके उन्होंने संवैधानिक मर्यादाओं को तार-तार करने के साथ ही संघीय व्यवस्था की मूल भावना को भी आहत किया.
भाजपा नेताओं ने कहा कि दीदी का ‘आचरण दुर्भाग्यपूर्ण’ रहा. ‘अमित शाह ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, ‘यास ‘से प्रभावित लोगों की मदद करना समय की मांग है. लेकिन दुख की बात है कि दीदी ने अहंकार को जनकल्याण से ऊपर रखा, उनका आज का तुच्छ व्यवहार ऐसा ही दर्शाता है’. ‘रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा, आपदा काल में बंगाल की जनता को सहायता देने के भाव से आए हुए प्रधानमंत्री के साथ इस प्रकार का व्यवहार पीड़ादायक है, मुख्यमंत्री ममता को नसीहत देते हुए कहा कि जन सेवा के संकल्प व संवैधानिक कर्तव्य से ऊपर राजनैतिक मतभेदों को रखने का यह एक दुर्भाग्यपूर्ण उदहारण है, जो भारतीय संघीय व्यवस्था की मूल भावना को भी आहत करने वाला है’.
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कई ट्वीट किए. नड्डा ने लिखा कि कहा कि प्रधानमंत्री मोदी सहकारी संघवाद के सिद्धांतों को ‘बहुत पवित्र’ मानते हुए उसका पालन करते हैं और लोगों को राहत देने के लिए दलगत भावना को पीछे छोड़ सभी मुख्यमंत्रियों के साथ मिलकर सक्रियता से काम कर रहे हैं लेकिन अप्रत्याशित तरीके से ममता बनर्जी की राजनीति ने एक बार फिर बंगाल के लोगों को परेशान किया है.
ममता के बर्ताव की निंदा करते हुए जेपी नड्डा ने कहा कि यह ‘लोकतंत्र की हत्या’ है. पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ट्वीट में कहा कि यह बंगाल के लोगों के जनादेश का अपमान है. जीत से विनम्रता की भावना पैदा होती है लेकिन दुर्भाग्यवश ममता बनर्जी में अभिमान बढ़ रहा है. उन्होंने सवाल किया कि क्या सुभेंदु अधिकारी को देखकर ममता बनर्जी हर बार भाग जाएंगी. भाजपा के बंगाल प्रभारी अरविंद मेनन ने कहा कि यह संघीय ढांचे का अपमान है.