यहां हम आपको बता दें कि वर्ष 2016 में हुए पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में भाजपा कोई खास अपना जनाधार नहीं बना पाई थी. लेकिन उसे पिछले वर्ष यानी 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में मिली बड़ी सफलता ने पश्चिम बंगाल की राजनीति में पैर जमाने का रास्ता मिल गया था.
‘लोकसभा चुनाव में राज्य की 42 सीटों में से 18 पर मिली जीत से उसके हौसले बुलंद हैं और वह तृणमूल कांग्रेस के मुख्य प्रतिद्वंद्वी के रूप में उभर कर सामने आई है.
तभी से भाजपा नेता बंगाल-बंगाल की रट लगाए हुए हैं और लगातार दावा करते आ रहे हैं कि अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल सरकार को सत्ता से बाहर फेंक देगी’.
गौरतलब है कि अप्रैल-मई के महीने में पश्चिम बंगाल का विधानसभा चुनाव है. लेकिन पांच महीने पहले ही चुनावी संग्राम आपने चरम पर है, जिसे लेकर गृहमंत्री अमित शाह दो दिनों के बंगाल दौरे पर जा रहे हैं.
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार