बिहार में बुधवार को एक बार फिर से सियासत में बड़ा उलटफेर हुआ. राज्य में विकासशील इंसाफ पार्टी वीआईपी के अध्यक्ष और नीतीश सरकार में मंत्री मुकेश सहनी कुछ महीनों से भाजपा को लगातार धमकी दे रहे थे. आखिरकार बुधवार को भाजपा ने सहनी को करारा झटका दे ही दिया.
बता दें कि मुकेश सहनी ने यूपी चुनाव के दौरान योगी पर साधा था निशाना, उनके खिलाफ कैंडिडेट को उतारा था . यहीं से दोनों के बीच दरार शुरू हो गई थी. सहनी को चेताने की बीजेपी ने की थी कई कोशिशें, नहीं माने, कहा हम बिहार में बराबर के हकदार.
उन्होंने भाजपा से कहा था, बिहार में सरकार हमारे समर्थन से चल रही है. आखिरकार भाजपा ने विधायकों से भी सहनी को दिलावाई चेतावनी, नहीं माने तो तीनों विधायकों को पार्टी में शामिल कर दिया करारा जवाब दिया है. वीआईपी के मौजूदा तीनों विधायक भाजपा में शामिल हो गए हैं.
इसके बाद विकासशील इंसान पार्टी का विलय भी हो गया है. अचानक हुए इस सियासी उलटफेर के बाद बिहार में सियासी सरगर्मी बढ़ गई हैं. बता दें कि बुधवार को वीआईपी के तीनों विधायक राजू सिंह, मिश्री लाल और स्वर्णा सिंह भाजपा में शामिल हो गए हैं. विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने तीनों विधायकों को मान्यता भी दे दी है.
वीआईपी के तीनों विधायकों के साथ आने के बाद बीजेपी बिहार की सबसे बड़ी पार्टी बन गई है. बिहार में बीजेपी के अब 77 विधायक हो गए हैं. जबकि राष्ट्रीय जनता दल अब राज्य में दूसरे स्थान पर पहुंच गई है. आरजेडी के पास विधायकों की संख्या 75 है.
मुकेश सहनी मौजूदा समय में विधान परिषद सदस्य एमएलसी हैं और नीतीश सरकार में मंत्री हैं. सहनी का कार्यकाल भी इसी साल जुलाई महीने में खत्म हो रहा है. उसके बाद उन्हें उनके मंत्री बने रहने पर भी संकट शुरू हो गया है.