केरल में राहुल गांधी के लगातार बढ़ते कदमों को रोकने के लिए भाजपा मौके की तलाश में थी. आखिरकार भाजपा को मुद्दा मिल गया जब राहुल गांधी ने उत्तर भारत की सियासत को लेकर टिप्पणी की. आपको बताते हैं कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने क्या कहा.
केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में मंगलवार को एक सभा को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा कि ‘पहले 15 वर्षों के लिए मैं उत्तर भारत से एक सांसद था, मुझे एक अलग प्रकार की राजनीति की आदत हो गई थी. केरल आने पर मुझे अलग तरह का अनुभव हुआ क्योंकि मैंने अचानक पाया कि लोग मुद्दों में रुचि रखते हैं और न केवल जमीनी तौर पर बल्कि मुद्दों में विस्तार से जाते हैं’.
राहुल के इस बयान के बाद भाजपा के कई नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों ने उन पर अवसरवादी होने के साथ ही यह भी आरोप लगाया कि उन्होंने दक्षिणी राज्य केरल में दिए अपने भाषण से उत्तर भारतीयों का अनादर किया.
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, अमेठी से सांसद स्मृति ईरानी आदि नेताओं ने इस मुद्दे को और तूल दे दिया. स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को ‘एहसान फरामोश’ तक कह डाला, हालांकि राहुल गांधी के इस बयान के बाद कांग्रेस में भी विरोध के स्वर दिखाई दिए कपिल सिब्बल ने उन्हें नसीहत तक दे डाली.
वहीं कांग्रेस के नेता आनंद शर्मा और पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने इस बयान पर राहुल का बचाव करते नजर आए. इसके अलावा पिछले दिनों राहुल गांधी ने पुडुचेरी में वहां के मछुआरों के लिए अलग मंत्रालय बनाने के मामले में भी भाजपा ने उन्हें आड़े हाथ लिया था.