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कर्नाटक में हिजाब के बाद ‘हलाल मीट’ पर विवाद, बीजेपी नेता ने दिया ‘आर्थिक जिहाद’ करार

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बेंगलुरु| कर्नाटक में हिजाब को लेकर उठा ​मुद्दा अभी पूरी तरह शांत भी नहीं हुआ था कि अब हलाल मीट को लेकर नए विवाद ने जन्म ​ले लिया है. भाजपा महासचिव सीटी रवि के एक बयान से इस मुद्दे को हवा मिली है. सीटी रवि ने एक दिन पहले हलाल मीट को आर्थिक जिहाद करार दिया था. उन्होंने हिंदुओं से हलाल मीट का इस्तेमाल नहीं करने की अपील की थी.

भाजपा नेता सीटी रवि को हलाल मीट को लेकर दिए गए उनके बयान पर विपक्षी दलों के नेताओं ने घेरा और एक समुदाय विशेष के प्रति नफरत फैलाने का आरोप लगाया. इस पर सीटी रवि का कहना है, ”हलाल मांस की अवधारणा का अर्थ है कि वे आपस में व्यापार कर सकते हैं और हलाल मांस का सेवन अपने लोगों के बीच ही कर सकते हैं. इसे गलत बताने में क्या गलत है?”

दरअसल, कर्नाटक में उगाडी त्योहार के बाद से ‘मांसाहारी’ हिंदुओं से हलाल मीट का इस्तेमाल नहीं करने की अपील की जा रही है. सीटी रवि ने कहा कि हलाज मीट का कारोबार आर्थिक जिहाद है. इसका मतलब यह है कि मुस्लिम किसी दूसरे के साथ कोई व्यापार ना करें. जब वे सोच सकते हैं कि हलाल मीट का इस्तेमाल होना चाहिए तो हम क्यों नहीं कह सकते कि इसका इस्तेमाल नहीं होना चाहिए.

उन्होंने हलाल मीट के इस्तेमाल को एक ‘गुप्त रणनीति’ बता दिया. सीटी रवि ने कहा, उनके भगवान को जो हलाल मीट चढ़ाया जाता है, उन्हें (मुस्लिम) प्रिय होता है. एक ऐसी योजना बना दी गई है जहां सिर्फ मुस्लिमों से ही खरीददारी हो. जब मुस्लिम, हिंदुओं से मीट खरीदने को तैयार नहीं होते हैं तो फिर हिंदुओं को उनसे क्यों खरीदने पर मजबूर किया जा रहा है.

बीजेपी नेता ने कहा कि कुछ भी एकतरफा नहीं होता है. अगर मुस्लिम गैर हलाल मांस खाने को तैयार हैं तो हिंदू भी हलाल मांस का इस्तेमाल कर लेंगे. विपक्ष सीटी रवि के इस बयान को नफरत वाली राजनीति बता रहा है. पूर्व सीएम एचडी कुमारस्वामी ने कहा है कि मैं इस सरकार से पूछना चाहता हूं कि आप इस राज्य को कहां ले जाना चाहते हैं? उन्होंने इसके लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है.

कुमारस्वामी ने कहा कि कांग्रेस की वजह से ही ऐसी सरकार राज्य की सत्ता में आई है. कांग्रेस की वजह से ही कर्नाटक के लोगों को ऐसे दिन देखने पड़ रहे हैं.




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