भोपाल| मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ पर कोरोना वायरस को लेकर दिए गए बयान के लिए उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया है. कमलनाथ पर आरोप है कि उन्होंने कोरोना महामारी पर बयान देकर कथित रूप से लोगों में दहशत पैदा किया. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भाजपा के भोपाल जिला अध्यक्ष सुमीत पचौरी और भोपाल के दो विधायकों विश्वास सारंग एवं रामेश्वर शर्मा सहित अन्य पार्टी नेताओं की शिकायत पर कमलनाथ के खिलाफ भादंसं की धारा 188 एवं आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 54 के तहत यह प्राथमिकी दर्ज की गई है.
कमलनाथ के खिलाफ एफआईआर भोपाल स्थित क्राइम ब्रांच पुलिस स्टेशन में दर्ज हुई है. शिकायत में आरोप लगाया गया है कि कांग्रेस नेता ने शनिवार को उज्जैन में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कोरोना महामारी को लेकर बयान दिया. उन्होंने कहा कि ‘दुनिया में जो कोरोना महामारी फैली हुई है, उसे भारतीय वैरिएंट के रूप में जाना जा रहा है.’ शिकायत में कहा गया है कि संकट के इस वक्त कमलनाथ का बयान लोगों में भ्रम की स्थिति पैदा करने के साथ-साथ दुनिया में भारत की छवि खराब कर रहा है.
शिकायत के मुताबिक कोविड-19 पर काबू पाने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की जो गाइडलाइन है, कांग्रेस नेता ने उसकी अवहेलना की है और उनका यह बयान आईपीसी के मुताबिक देशद्रोह के बराबर है. कमलनाथ मध्य प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी हैं. प्रतिनिधिमंडल ने अपने ज्ञापन में यह भी कहा है, ‘कमलनाथ ने झूठा आरोप लगाया कि सरकार लाखों लोगों की मौत का आंकड़ा छिपा रही है. उनका यह बयान जनता में भय उत्पन्न करने वाला है जो कि आपराधिक कृत्य की श्रेणी में आता है.’
इसी बीच, मध्य प्रदेश कांग्रेस के मीडिया समन्वयक नरेन्द्र सलूजा ने कहा, ‘भाजपा की झूठी व तथ्यहीन शिकायत पर कमलनाथ के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर भाजपा प्रदेश में गलत परंपराओं को जन्म दे रही है. जनहित की बात कह रहे विपक्ष की आवाज को यह दबाने व कुचलने का प्रयास है. यह भाजपा सरकार की तानाशाही व हिटलरशाही है.’