गुरुवार को पश्चिम बंगाल और असम में आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर पीएम मोदी की मौजूदगी में भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की एक लंबी बैठक हुई. बैठक में दोनों राज्यों के उम्मीदवारों के नाम तय करने को लेकर मंथन हुआ.
इस बैठक में उन नामों को लेकर चर्चा हुई जहां दोनों राज्यों में पहले चरण का मतदान होना है. खबरों की मानें तो नामों को अंतिम रूप दे दिया गया है और आज उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी हो सकती है.
तो ममता के खिलाफ लड़ेंगे शुभेंदु
पश्चिम बंगाल के नंदीग्राम से हाल ही में भाजपा में शामिल हुए शुभेन्दु अधिकारी को उतारे जाने को लेकर बैठक में कोई फैसला नहीं हो सका लेकिन खबरों की मानें तो भाजपा उन्हें मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ वहां से मैदान में उतार सकती है. खुद अधिकारी ने वहां से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है. वहीं सूत्रों का दावा है कि बीजेपी सांसद और केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने चुनाव समिति के सामने कहा है कि अगर ममता बनर्जी भवानीपुर से चुनाव लड़ती हैं तो वह उनके खिलाफ चुनाव लड़ना चाहेंगे.
टीएमसी भी आज जारी करेगी कैंडिडेट्स की लिस्ट
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) भी शुक्रवार को बंगाल चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की अपनी पूरी सूची जारी कर सकती है. टीएमसी के सूत्रों के अनुसार, पार्टी ने उम्मीदवारों की सूची से ऐसे वर्तमान विधायकों के नाम हटाने का फैसला किया है जो 80 वर्ष या उससे अधिक आयु के हैं.
टीएमसी के एक वरिष्ठ नेता ने पीटीआई को बताया, ‘हमने 27 फरवरी को मतदान की तारीखों की घोषणा से पहले ही मसौदा सूची तैयार कर ली थी, हमने शुरू में चरणों में सूची जारी करने का फैसला किया था. हालांकि अब पार्टी प्रमुख द्वारा 294 उम्मीदवारों की पूरी सूची 5 मार्च को घोषित की जाएगी.’
असम में बीजेपी 90 सीटों पर उतारेगी उम्मीदवार
असम में इस बार बीजेपी पिछले विधानसभा चुनाव की तुलना में ज्यादा सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़ा करने की योजना बना रही है. राज्य की 126 विधानसभा सीटों पर तीन चरणों में वोटिंग होनी है. सूत्रों के मुताबिक भाजपा 92 सीटों पर, अगप 26 जबकि यूपीपीएल आठ सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार सकती है. वर्ष 2016 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को 60 सीटों पर जीत मिली थी जबकि अगप को 14 सीटों पर जीत मिली थी.
दोनों राज्यों में कड़ा है मुकाबला
दोनों राज्यों में बीजेपी को प्रतिद्वंदी से कड़ी टक्कर मिलने के पूरे आसार है. बंगाल में बीजेपी का मुकाबला जहां सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस से हैं तो वहीं असम में उसका सामना कांग्रेस और एआईयूडीएफ के गठबंधन से है. भाजपा ने पिछले विधानसभा चुनाव में 10 सालों के कांग्रेस शासन का अंत करते हुए पहली बार पूर्वोत्तर के किसी राज्य में सत्ता हासिल की थी. फिलहाल सभी की नजरें बीजेपी की पहली लिस्ट पर टिकी हुई हैं.