यूपी और बिहार में विधानपरिषद के लिए 28 जनवरी को मतदान होना है और उस क्रम में बीजेपी ने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है. इन नामों मे दो नामों पर चर्चा ज्यादा है.
यूपी से एक नाम अरविंद कुमार शर्मा का है जो पीएम मोदी के विश्वस्त माने जाते हैं और ऐसा माना जा रहा है कि पार्टी उन्हें बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है.
इस बारे में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि निश्चित तौर पर उनके अनुभव का लाभ मिलेगा. इसके साथ ही एक और नाम है शाहनवाज हुसैन की जिन्हें बिहार से पार्टी ने उम्मीदवार बनाया है.
राजनीतिक हल्कों में शाहनवाज हुसैन को विधान परिषद भेजे जाने को लेकर तरह तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं. मसलन बीजेपी उनके प्रशासिनक अनुभवों का फायदा उठा सकती है. वो नीतीश मंत्रिमंडल का हिस्सा भी बन सकते हैं.
हालांकि इसके बारे में किसी तरह की पुख्ता जानकारी नहीं है. अगर शाहनवाज हुसैन को देखा जाए तो वाजपेयी सरकार में हिस्सा रहने के बाद मौजूदा मोदी सरकार का हिस्सा नहीं बने. जानकार कहते हैं कि जिस तरह के जम्मू-कश्मीर डीडीसी चुनाव में उनके निर्देशन में पार्टी ने बेहतर प्रदर्शन किया उसे देखते हुए एक तरह से पार्टी ने उन्हें इनाम दिया है.
बीजेपी ने शनिवार को यूपी की छह और बिहार की एक विधान परिषद (एमएलसी) सदस्य सीट के उम्मीदवारों के नाम घोषित कर दिए. बिहार में खाली हुई एकमात्र सीट से पूर्व केंद्रीय मंत्री और वर्तमान में राष्ट्रीय प्रवक्ता सैयद शाहनवाज हुसैन को टिकट दिया है.
संकेत मिल रहे हैं कि पार्टी शाहनवाज हुसैन को बिहार से एमएलसी बनाकर उनके अनुभवों का राज्य की राजनीति में इस्तेमाल करने की कोशिश में है.
बीजेपी की तरफ से शनिवार को जारी आधिकारिक सूची के मुताबिक उत्तर प्रदेश से कुंवर मानवेंद्र सिंह, गोविंद नारायण शुक्ला, सलिल बिश्नोई, अश्वनी त्यागी, डॉ. धर्मवीर प्रजापति और सुरेंद्र चौधरी को टिकट मिला है. इस प्रकार भाजपा ने उत्तर प्रदेश की छह सीटों के लिए उम्मीदवार तय किए हैं.
जबकि बिहार में एक सीट के विधान परिषद उपचुनाव के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन को मैदान में उतारा है. राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने बताया कि भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति ने उत्तर प्रदेश और बिहार में होने जा रहे विधान परिषद चुनाव के लिए नामों पर मंजूरी दी है.