देहरादून| उत्तराखंड चुनाव की सरगर्मियों के चरम पर अब घोषणा पत्र का दौर आ गया है. उम्मीदवारों की घोषणा, नामांकन और नामांकन वापस लिये जाने के बाद अब राजनीतिक दलों के सामने मैनिफेस्टो जारी करने की होड़ नज़र आ रही है. उत्तराखंड में सरकार बनने पर पार्टियां प्राथमिकता के आधार पर क्या काम करेंगी? किस पार्टी की सरकार का राज्य को लेकर क्या नज़रिया रहेगा? इससे जुड़े तमाम सवालों के जवाब देने के लिए कांग्रेस बुधवार को तो बीजेपी गुरुवार को घोषणा पत्र लेकर आ रही है. आम आदमी पार्टी भी इसी हफ्ते घोषणा पत्र जारी करने की तैयारी में है.
कांग्रेस और भाजपा दोनों ही अपने घोषणा पत्र के मुख्य मुद्दों के बारे में बताते हुए दावा कर रही हैं कि उनकी सरकार उत्तराखंड के चहुंमुखी विकास को केंद्र में रखेगी. कांग्रेस की मैनिफेस्टो कमेटी के संयोजक सूर्यकांत धस्मान ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि कांग्रेस सिर्फ घोषणाएं नहीं करेगी, बल्कि उन पर सरकार कितना अमल करती है? इसकी निगरानी के लिए एक कमेटी भी बनाए जाएगी. वहीं, बीजेपी की मैनिफेस्टो कमेटी के प्रमुख रमेश पोखरियाल निशंक का कहना है कि भाजपा अपने घोषणा पत्र में शिक्षा, स्वास्थ्य, चिकित्सा, बेरोज़गारी, अनुसूचित जाति जनजाति विकास और महिलाओं आदि सभी वर्गों व मुद्दों को फोकस में रखेगी.
कांग्रेस के मैनिफेस्टो में क्या कुछ होगा खास?
– अपने घोषणा पत्र में कांग्रेस लोकायुक्त, गैरसैंण और महंगाई पर प्राथमिकता के साथ विजन रखने जा रही है. सरकार बनते ही विधानसभा के पहले सेशन में लोकायुक्त कानून पास कराने का वादा भी कांग्रेस के मैनिफेस्टो का हिस्सा होगा.
– गैस सिलेंडर की अधिकतम कीमत 500 रुपए होगी. इससे ऊपर जो भी धनराशि होगी, उसे सब्सिडी के रूप में उपभोक्ता के खाते में डाला जाएगा.
– स्वास्थ्य सेवाओं के लिए मास्टर प्लान बनेगा, हर ज़िला मुख्यालय पर सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल खेाला जाएगा.
– पांच लाख गरीब परिवारों को 40,000 रुपए प्रतिवर्ष देने का वादा भी कांग्रेस कर सकती है.
– मलिन बस्तियों को चरणबद्व ढंग से मालिकाना हक, ठोस भू-कानून, उपनलकर्मियों का चरणबद्व समायोजन आदि मुद्दे भी हाईलाइट में होंगे.
भाजपा कहां पिछड़ी और अब क्या है तैयारी?
इधर, बीजेपी ने 2017 के चुनाव से पहले जो विजन डॉक्यूमेंट जारी किया था, उसमें लोकायुक्त लागू करने, आर्थिक रूप से कमज़ोर परिवारों को रियायती दरों पर बिजली देने समेत कुछ मुद्दे थे, जिन पर भाजपा अमल नहीं कर पाई. इस बार बीजेपी का फोकस महिलाओं और युवाओं से जुड़े वादों पर रह सकता है. बीजेपी और कांग्रेस काफी लंबे समय से घोषणा पत्र पर काम कर रही हैं.पार्टियों को भरोसा है कि घोषणापत्र के बहाने वोटरों को साधने में मदद मिलेगी
राज्य के लिए अलग, ज़िलों के लिए आप के अलग मैनिफेस्टो
आम आदमी पार्टी भी फरवरी फर्स्ट वीक में ही अपना घोषणा पत्र जारी करने जा रही है. इसमें 300 यूनिट तक फ्री बिजली के वादे के साथ वोटर्स को लुभाने की कोशिश हो सकती है. साथ ही, रोज़गार, हेल्थ, एजुकेशन पर भी कई वादे आप के मैनिफेस्टों में हो सकते हैं. खास बात ये है कि आम आदमी पार्टी सभी 70 विधानसभाओं के लिए वहां की ज़रूरतों के हिसाब से अलग-अलग घोषणा पत्र जारी करने जा रही है. राज्य के विकास को लेकर ओवरऑल मैनिफेस्टो अलग से होगा.