कर्नाटक में उठा हिजाब विवाद दिल्ली तक सियासी रूप ले चुका है . इस मामले में हर राजनीतिक दलों के नेताओं की बयानबाजी जारी है. वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हिजाब विवाद को बेकार की बातें कहकर पल्ला झाड़ लिया.
सोमवार को पटना में जनता दरबार कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश ने कहा कि वो सब बेकार की बात है, उस पर बोलने का कोई औचित्य नहीं है. इस मामले को लेकर लोग कोर्ट गए हैं. यहां के स्कूलों में सभी स्कूली बच्चे एक ही तरह के ड्रेस पहनते हैं. उन्होंने कहा कि देश-दुनिया में कोई बात होती है, वह एक अलग बात है. बिहार में ऐसी कोई बात नहीं है. हम लोग तो काम करने में लगे हुए हैं.
सबके लिए हम लोग काम करते हैं और सबकी इज्जत करते हैं. कुछ लोगों का अपना-अपना तरीका है, तो हम लोग उसमें इंटरफेयर नहीं करते हैं. मूर्ति लगाना या अपने-अपने ढंग से पूजा करना, यह सबकी अपनी-अपनी मान्यता है. हम लोगों के हिसाब से इस पर बहस करने की कोई जरूरत नहीं है.
विशेष राज्य के दर्जे पर मुख्यमंत्री नीतीश ने एक बार फिर अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि अगर बिहार को स्पेशल स्टेटस का दर्जा मिलता है तो इसके कई फायदे होंगे और राज्य का सर्वांगीण विकास होगा. उन्होंने कहा कि विशेष दर्जा के लिए लगातार अभियान चलाया गया है. एनडीए के सरकार में ही रहते हुए हमने अभियान चलाया.
हम लोग अपनी मांग रखे हुए हैं. नीति आयोग ने बिहार को सबसे पिछड़ा बताया है. नीतीश ने कहा कि नवंबर 2005 से बिहार के लिए हम लोगों ने लगातार मेहनत किया है, और कहां से कहां पहुंच गए. वहीं दूसरी ओर कर्नाटक में स्कूल-कॉलेजों में हिजाब पहनने की छूट वाली याचिकाओं पर हाईकोर्ट में फिर सुनवाई होगी.