लक्ष्य चाहे कितना भी कठिन क्यों न हो अगर ठान लिया जाए कि हमें उसे प्राप्त करना है तो उसकी डगर आसान हो जाती है . जज्बा-जोश और जुनून ही है जो आपको मंजिल तक पहुंचाता है . जो थक गया वह वहीं रुक गया . ‘आज हम एक ऐसी साहसी महिला की बात कर रहे हैं, जिसने कुछ समय पहले सोचा था कि मैं एक दिन गणतंत्र दिवस की परेड का हिस्सा बनूंगी’ . यह सपना उनका अब सच होने जा रहा है.
इन दिनों यह फाइटर सोशल मीडिया से लेकर अपने महकमे में सुर्खियों में छाई हुई है . जी हां हम बात कर रहे हैं बिहार की रहने वाली महिला फाइटर भावना कांत की. बता दें कि ‘भावना गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल होने वाली पहली महिला फाइटर पायलट होंगी’.
भावना भारतीय वायुसेना के फायटर पायलट दल में शामिल की गई तीसरी महिला हैं . वह भारतीय वायुसेना की ओर से निकाली जाने वाली झांकी का हिस्सा बनेंगी. उन्होंने बताया कि वे राफेल और सुखोई के साथ अन्य लड़ाकू विमान उड़ाना भी पसंद करेंगी. गणतंत्र दिवस पर इस अवसर को पाकर बहुत ही गौरव महसूस कर रही हैं .
गौरतलब है कि इंडियन एयरफोर्स का ब्रह्मास्त्र राफेल इस साल गणतंत्र दिवस पर पहली बार गर्जन कर अपनी ताकत दिखाएगा. गणतंत्र दिवस फ्लाई पास्ट का समापन राफेल विमान के ‘वर्टिकल चार्ली फार्मेशन’ में उड़ान भरने से होगा .
यहां आपको जानकारी के लिए बता दें कि ‘वर्टिकल चार्ली फार्मेशन’ में विमान कम ऊंचाई पर उड़ान भरता है, सीधे ऊपर जाता है, उसके बाद कलाबाजी खाते हुए फिर एक ऊंचाई पर स्थिर हो जाता है. इस बार गणतंत्र दिवस परेड में बांग्लादेश की सेना भी हिस्सा लेगी, इस साल हम पाकिस्तान पर मिली जीत की 50वीं सालगिरह मना रहे हैं. इस साल मनाए जाने वाला गणतंत्र दिवस समारोह ‘मेक इन इंडिया’ थीम पर आधारित होगा.
यहां हम आपको बता दें कि साल 2020 में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इंडियन एयरफोर्स की पहली महिला पायलट्स में शामिल भावना कांत को ‘नारी शक्ति पुरस्कार’ दिया था.
इस पुरस्कार को पाने के बाद महिला पायलट भावना ने संदेश देते हुए कहा था कि कड़ी मेहनत की बदौलत ही सपनों की उड़ान का सफर तय किया जा सकता है, उन्होंने कहा था कि इस तरह के पुरस्कार हमारी मेहनत का नतीजा हैं.
इससे हम जो भी काम कर रहे हैं, उसके लिए प्रेरणा मिलती है. इससे उन सभी महिलाओं को भी हौसला मिलता है, जो भविष्य में कुछ बनने का सपना देखती हैं. भावना ने बताया कि वे बचपन से टीवी पर गणतंत्र दिवस समारोह पर होने वाली परेड देखती आई हैं. लेकिन इस बार उन्हें खुद इस परेड में हिस्सा लेने का मौका मिल रहा है .
भावना बिहार के दरभंगा के एक छोटे से गांव की रहने वाली हैं, उनके पिता इंजीनियर हैं . भावना ने अपनी स्कूली शिक्षा बरौनी रिफाइनरी डीएवी पब्लिक स्कूल से ली है . भावना ने दसवीं बोर्ड में 92 फीसदी अंक पाए थे जबकि इंटर में उसे 85 फीसदी नंबर मिले थे. उसके बाद बेंगलुरु के बीएमएस कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से मैकेनिकल इलेक्ट्रॉनिक्स में इंजीनियरिंग की. साल 2016 में उनका एयरफोर्स में चयन हुआ.
वह नवंबर 2017 में फाइटर स्क्वाड्रन में शामिल हुईं और मिग 21 में अपनी एकल उड़ान के बाद मार्च 2018 में परिचालन में आ गईं. पूरे देश में भावना को इस अचीवमेंट के लिए सराहना मिली. भावना के पिता तेज नारायण को बेटी पर गर्व है.
तेज नारायण का कहना है कि किसी को भी बेटियों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. उन्होंने हमेशा उनकी बेटी को कहा कि वह जो करना चाहती है, करे. उन्होंने कभी उसे उसके सपने पूरा करने से नहीं रोका.
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार