कोरोना महामारी के संक्रमण से बचने के लिए कोरोना वैक्सीन ही हमारा सबसे बड़ा हथियार है. केंद्र और राज्य सरकार मिलकर वैक्सीनेशन अभियान को तेजी से आगे बढ़ा रही है. भारत ने तमाम मुश्किलों को चुनौती देते हुए 100 करोड़ वैक्सीनेशन के बेमिसाल आंकड़े को भी पार कर लिया है.
देश में इस समय अभी 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को वैक्सीन देने का काम किया जा रहा है, लेकिन अब सभी को जल्द से जल्द बच्चों के लिए वैक्सीन आने का इंतजार है जिससे बच्चों को भी संक्रमण से सुरक्षित किया जा सके.
इस बीच कौवैक्सीन निर्माता कंपनी भारत बॉयोटेक के एमडी डॉ. कृष्णा एला ने बच्चों के कोविड वैक्सीन पर बड़ी जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि सरकार से लेकर नागरिकों तक सभी के सामूहिक प्रयास का नतीजा था कि भारत ने 100 करोड़ वैक्सीनेशन का अद्भुत आंकड़ा पार कर लिया.
उन्होंने कहा कि अब हमें बच्चों के लिए वैक्सीन आने का इंतजार है. डॉ. एला ने बताया कि हम बच्चों के टीके के लिए DGCI से लाइसेंस की प्रतीक्षा कर रहे हैं. डॉ. कृष्णा एला ने कहा कि भारत बॉयोटेक ने नाक से दिए जाने वाले टीके के दो चरण लगभग पूरे कर लिए हैं.
उन्होंने कहा कि इन दोनों ही चरण में अच्छे परिणाम सामने आए हैं और यह टीका कोविड-19 संक्रमण को रोकने में काफी मददगार साबित होगा. फिलहाल अभी कंपनी की तरफ से यह जानकारी नहीं दी गई भारत बॉयोटेक की वैक्सीन किस उम्र के बच्चों को दी जाएगी.
आपको बता दें भारत बॉयोटेक से पहले जायड कैडिला ने बच्चों के लिए बिना सुई वाली वैक्सीन बनाई है जो कि 12 वर्ष से लेकर 18 वर्ष तक के उम्र के बच्चों को लगाई जाएगी. जाइडस कैडिला की यह वैक्सीन पूरी तरह से स्वदेशी है.
जाइडस ने 1 जुलाई को आपातकालीन इस्तेमाल के लिए आवेदन किया था. Zydus Cadila की ZyCoV-D कोरोना वैक्सीन का भारत में तीन चरण का ट्रायल हुआ है. यह ट्रायल 28000 हजार से अधिक लोगों पर किया था.