उत्तराखंड को पर्यटन के नक्शे पर और विकसित किए जाने की लगातार कोशिशों के तहत चमोली ज़िले के बेनीताल के बारे में विचार किया जा रहा है. कर्णप्रयाग ब्लॉक में स्थित इस इलाके को ‘खगोल गांव’ के रूप में विकसित किए जाने के संबंध में योजना बन रही है.
आधिकारिक जानकारी के हवाले से कहा जा रहा है कि ज़िला मजिस्ट्रेट हिमांशु खुराना की अगुवाई वाली एक टीम ने हाल में बेनीताल का दौरा किया और यह समझने में दिलचस्पी दिखाई कि पर्यटकों के बीच इस इलाके के लिए आकर्षण पैदा करने के लिए किस तरह के कदम उठाए जा सकते हैं.
समुद्र तल से 2600 मीटर की ऊंचाई पर स्थित बेनीताल को ‘खगोल गांव’ के तौर पर विकसित किए जाने के प्रोजेक्ट को लेकर खुराना के हवाले से बताया गया कि पर्यटन विभाग यहां पयर्टकों के लिए कॉटेज, रेस्तरां, टेंट प्लेटफॉर्म, पार्किंग लॉट जैसी कई व्यवस्थाएं कर रहा है ताकि यहां आने वाले लोगों को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराई जा सकें और इस स्थान पर पर्यटन की संभावनाएं बढ़ सकें.
क्या है ‘खगोल गांव’ प्रोजेक्ट?
बेनीताल के आसमान में ग्रहों, तारों और खगोलीय घटनाओं को आप देख सकें, इस लिहाज़ से यहां विशालकाय दूरबीनों के साथ ही नाइट विज़न डोम की व्यवस्था की जाएगी, जिसे पर्यटकों के आकर्षण के उपयुक्त बनाया जाएगा. यहां पर्यटक पहुंच सकें और बेनीताल को पर्यटन के नक्शे पर लाया जा सके, इसके लिए खुराना ने विभाग से कहा कि सिमली से बेनीताल तक की सड़क को तुरंत ठीक करवाया जाए. साथ ही, सड़कों पर दिशा और लोकेशन समझाने वाले साइन बोर्ड लगवाए जाने के निर्देश भी दिए.
कितना बड़ा है ये प्रोजेक्ट?
यह प्रोजेक्ट कितना महत्वाकांक्षी है, इस बात का अंदाज़ा इससे लगता है कि डीएम के मुताबिक विभाग इस पर कुल 5 करोड़ रुपये खर्च करने जा रहा है. रिपोर्ट्स के मुताबिक गढ़वाल मंडल विकास निगम को बेनीताल के एस्ट्रो विलेज विकास की ज़िम्मेदारी दी गई है. डीएम ने यह भी कहा कि इस कदम से बेनीताल में स्थानीय लोगों के लिए रोज़गार के अवसर पैदा होंगे.