संगीत क्षेत्र में एक और क्षति: बांग्ला की महान गायिका संध्या मुखर्जी नहीं रहीं, पिछले महीने पद्मश्री ठुकरा कर आई थीं चर्चा में

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बंगाल की मशहूर गायिका संध्या मुखर्जी का मंगलवार शाम निधन हो गया. संध्या को बीमारी के चलते कोलकाता के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

90 वर्ष की उम्र में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। मुखर्जी कोरोना वायरस से संक्रमित पाई गई थीं और वह हृदय संबंधी बीमारियों से भी ग्रस्त थीं.

उनके कई अंगों ने काम करना बंद दिया था. गौरतलब है संध्‍या मुखर्जी उर्फ संध्‍या मुखोपाध्‍याय का नाम पिछले महीने जनवरी में पद्म अवार्ड ले ने से इनकार करने के लिए सुर्खियों में आया था.

संध्‍या की बेटी ने बताया था कि उनकी मां ने पद्म श्री लेने से इनकार कर दिया क्‍योंकि उन्‍हें (संध्‍या को) लगता है कि 90 वर्ष की उम्र में उनके जैसी दिग्‍गज को पद्मश्री देना अपने आप में ‘अपमानजनक’ बात है।संध्या मुखर्जी ने बांग्ला संगीत के अलावा कई भाषाओं में भी गीत गाए.

वह बंगाल के अलावा बांग्लादेश में भी खूब लोकप्रिय थीं। उन्होंने हजारों बांग्ला और अन्‍य भाषाओं के गीतों को आवाज दी. एसडी बर्मन, अनिल विश्वास, मदन मोहन, रोशन और सलिल चौधरी सहित कई हिंदी फिल्म संगीत निर्देशकों के लिए भी संध्‍या ने गाने गाए थे.

उन्हें `बंग बिभूषण` समेत कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था. उनके निधन के बाद बंगाल में शोक छा गया.

कई जानी-मानी हस्तियों ने संध्या मुखर्जी के निधन पर शोक जताया है। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ट्वीट कर गायिका के निधन पर शोक जताया.

ममता बैनर्जी ने ट्वीट किया, बहुत दुखद है कि बंगाल में राग की रानी गीताश्री संध्या मुखर्जी नहीं रहीं. उनका जाना संगीत की दुनिया में बहुत बड़ी क्षति है.

यहां आपको बता दें कि इसी महीने 6 फरवरी को स्वर कोकिला महान गायिका लता मंगेशकर का 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया था.

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