अब ऑनलाइन से हुंकार: आयोग की पाबंदी से पहले दलों का रैली को लेकर बदला मूड, वर्चुअल की करने लगे तैयारी

केंद्रीय निर्वाचन आयोग गुरुवार सुबह से लगातार पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर मंथन करने में जुटा है. देश में तेजी के साथ बढ़ रही कोरोना की रफ्तार को देखते हुए अब संभावना प्रबल हो गई है कि चुनाव आयोग बड़ी रैलियों पर रोक लगा सकता है.

इसके साथ पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान करने के लिए भी उल्टी गिनती शुरू हो गई है. निर्वाचन आयोग चंद दिनों में ही चुनाव की तारीखों की घोषणा करने जा रहा है.

लेकिन उससे पहले अब विशेष तौर पर उत्तर प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए कई राजनीतिक दल बड़ी रैली करने के मूड में नहीं है. इसके साथ पंजाब, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा में भी चुनावी रैलियों पर रोक लग सकती है.

मैदान में जनसभा के बजाय अब राजनीतिक दल वर्चुअल रैली करने का मन बना चुके हैं. उत्तर प्रदेश में आम आदमी पार्टी ने रैली और सभाएं स्थगित करने का फैसला लिया है.

आठ जनवरी को बनारस में आम आदमी पार्टी की जनसभा अब वर्चुअल होगी. आप सांसद संजय सिंह ऑनलाइन इस रैली को संबोधित करेंगे. वहीं बनारस में 8, साहिबाबाद गाजियाबाद 9, और 10 जनवरी को जेवर नोएडा की जनसभा को भी स्थगित कर दिया गया है.

ऐसे ही भारतीय जनता पार्टी ने भी यूपी में वर्चुअल रैली करने के लिए तैयारी शुरू कर दी है. ‌भाजपा के रणनीतिकारों ने वर्चुअल रैली को लेकर बैठक की जा रही है. ‌वहीं दूसरी ओर पिछले दिनों उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखकर यह मांग की है कि बड़ी रैलियों पर रोक लगाई जाए.

कोरोना के खतरे को देखते हुए कांग्रेस ने चुनाव आयोग से वर्चुअल रैली पर जोर देने की मांग की है . यहां हम आपको एक और बात बता दें कि विधानसभा चुनाव की तारीखों के एलान से पहले भारतीय जनता पार्टी, समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी कांग्रेस समेत कई दल अपनी-अपनी मैदानी चुनावी रैलियां कर चुके हैं. ‌

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