हमारे देश में बहुत प्रचलित कहावत है, ‘जैसा देश वैसा भेष’. यानी इस शब्द का अर्थ होता है कि जहां रहना हो उसके अनुसार ही अपने आपको ढालना चाहिए या उसी रंग में अपने आप को दिखना भी चाहिए.
हमारा कोई परिचित नेता, अभिनेता जब अलग और नए लुक में दिखाई देता है तब कई कयास और बातें होनी शुरू हो जाती हैं. जब बात देश के प्रधानमंत्री की हो तो जनता यह जरूर जानना चाहती है कि इस नए लुक को रखने की आखिर वजह क्या है ? बात करेंगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की.
मोदी एक ऐसे शख्स हैं जो समाज, विदेश और देश के राज्यों में क्या चल रहा है उसे पहले ही भांप लेते हैं. अभी पिछले महीने बिहार विधानसभा चुनाव में पीएम मोदी ने वहां जाकर ताबड़तोड़ कई चुनावी रैली की थी. बिहार की जनता को संबोधित करते हुए मोदी ने बिहारी भाषा यानी भोजपुरी में अपने आपको पूरी तरह से ढाल लिया था, पीएम के संबोधन से लग ही नहीं रहा था कि वह गुजराती हैं.
पीएम मोदी के भोजपुरी बोलने से जनता पर गहरा प्रभाव डाला. बिहार विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद भारतीय जनता पार्टी जनता दल यूनाइटेड से भी बड़ी पार्टी बनकर उभर कर सामने आई.
उसके बाद मोदी की बढ़ी हुई दाढ़ी पर भी सोशल मीडिया से लेकर राजनीतिक जगत में सुर्खियां छाई हुई हैं. लेकिन अब प्रधानमंत्री ने अपने आप को पूरी तरह से बंगाल के परिवेश में लाकर खड़ा कर लिया है. यानी पीएम मोदी अब कुछ महीनों तक बांग्ला वाले लुक में दिखना चाहते हैं.
यहां हम आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अंदाज बदला हुआ है. लंबी दाढ़ी हो या फिर कुर्ता, या चाहे किसी बैठक में बैकग्राउंड में दिखने वाली कोई तस्वीर ही क्यों न हो, सबमें बंगाल का कोई न कोई टच जरूर नजर आता है. बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के साथ वर्चुअल बैठक के दौरान मोदी बंगाल के परिवेश में अपने आप को ढालते दिखाई दिए.
अब एक बार फिर से पीएम मोदी के इस नई शक्ल को देखकर राजनीतिक गलियारों में कयासों केे साथ चर्चा भी शुरू हो गई है. प्रधानमंत्री की इस नई बांग्ला वेशभूषा को देखकर सबसे ज्यादा एतराज पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी दीदी ने जताया है.
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार