भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष सौरभ गांगुली ने डब्ल्यू. वी रमन को भारतीय महिला टीम के कोच पद पर बरकरार नहीं रखे जाने को लेकर नाराजगी जताई है।
रिपोर्ट के अनुसार गांगुली ने इस मुद्दे पर आतंरिक रूप से उठाया है और पत्रों के माध्यम से औपचारिक रूप से रमन को कोच पद से हटाए जाने पर आपत्ति जताई है. मदन लाल की अगुआई वाली क्रिकेट सलाहकार समिति ने रमन को महिला टीम के कोच पद पर बरकरार नहीं रखा था और उनकी जगह रमेश पवार को टीम का नया कोच बनाया था.
क्रिकबज की रिपोर्ट के मुताबिक गांगुली ने पवार के चयन को लेकर कुछ नहीं कहा, लेकिन उन्होंने इस बात पर हैरानी जताई कि जिस कोच के नेतृत्व में टीम वैश्विक टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंची, उन्हें पद पर बरकरार नहीं रखा गया. दिसंबर 2018 में रमन को भारत की महिला राष्ट्रीय टीम का मुख्य कोच नियुक्त किया गया था. उनके कार्यकाल में भारतीय महिला टीम टी20 वर्ल्ड कप 2020 के फाइनल में पहुंची लेकिन खिताब से चूक गई.
हालांकि भारतीय महिला टीम ने इस साल मार्च में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वनडे और टी20 सीरीज खेली थी और दोनों सीरीज में हार झेलनी पड़ी थी. इसके अलावा यह बात भी सामने आई थी कि टीम के कुछ वरिष्ठ सदस्यों ने कथित तौर पर रमन के बारे में शिकायत की है. हालांकि गांगुली जो खुद सीएसी के सदस्य रह चुके हैं, उनका मानना है कि भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज रमन के साथ बने रहना चाहिए था.
उधर महिला क्रिकेट से जुड़े कुछ लोगों का कहना है कि गांगुली को मदन लाल, आरपी सिंह और सुलक्षणा नाइक वाली क्रिकेट सलाहकार समिति के फैसले का सम्मान करना चाहिए. महिला क्रिकेट से परिचित बीसीसीआई के एक अंदरूनी सूत्र ने कहा कि गांगुली को यह खुद पता होना चाहिए कि क्रिकेट सलाहकार समिति एक स्वतंत्र निकाय है.
बता दें कि रमन को हटाने के बाद ही विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा. कोच पद से हटाए गए डब्ल्यू वी रमन ने आरोप लगाया था कि उन्हें बदनाम करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है.
राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी के प्रमुख राहुल द्रविड़ और गांगुली को भेजे पत्र में रमन ने लिखा कि बतौर कोच उनके नाकाबिल होने के अलावा किसी और कारणों से उनकी दावेदारी खारिज की गई है तो यह ‘ काफी चिंताजनक’ है. रमन ने पत्र में लिखा कि मेरा मानना है कि मेरे काम करने के तौर तरीकों को लेकर आपको अलग अलग राय दी गई होगी. उनका मेरी दावेदारी पर कितना असर पड़ा , यह बात करना अब बेईमानी है.
उन्होंने कहा कि महत्वपूर्ण यह है कि कलंकित करने वाले इस अभियान ने कुछ बीसीसीआई अधिकारियों का अवांछित ध्यान खींचा है जिस पर स्थायी रोक लगाये जाने की जरूरत है. अगर आपको या किसी पदाधिकारी को सफाई देने की जरूरत है तो मैं इसके लिये तैयार हूं.
उन्होंने कहा कि अगर बतौर कोच मेरे नाकाबिल रहने के अलावा किसी और कारण से मेरी दावेदारी खारिज की गई तो उस फैसले पर कोई बहस नहीं हो सकती, लेकिन चिंताजनक यह है कि मेरी दावेदारी अन्य कारणों से खारिज की गई.
रमन ने कहा कि खास तौर पर उन लोगों के आरोपों की वजह से जिनका फोकस भारतीय महिला टीम के कल्याण और देश के गौरव की बजाय अपने निजी लक्ष्य हासिल करने पर था.