इंडियन प्रीमियर लीग के 14वें सीजन के आगाज़ में अब 15 दिनों से भी कम का वक्त रह गया है. आईपीएल 2021 की शुरुआत 09 अप्रैल को मुंबई इंडियंस और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के बीच मैच से होगी. नए सीज़न के आगाज़ से पहले भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने बड़ा फैसला लिया है.
बीसीसीआई ने हाल ही में विवादों में रहने वाले ‘सॉफ्ट सिग्नल’ के नियम को आईपीएल 2021 से हटाने का फैसला लिया है. इसके अलावा, मैच की समयसीमा पर भी नियम जारी करते हुए 90 मिनट में 20 ओवर पूरे कराने पर सहमति बनी है.
बीसीसीआई ने साफ कर दिया है कि आईपीएल 2021 में तीसरे अंपायर को फैसले भेजने से पहले मैदान अंपयार को सॉफ्ट सिग्नल देने की कोई जरूरत नहीं होगी. बता दें कि भारत और इंग्लैंड के बीच हाल ही में खेली गई टी20 सीरीज में सॉफ्ट सिगनल का नियम सुर्खियों में रहा था.
क्या होता है सॉफ्ट सिग्नल
जब भी किसी तरह के क्लोज़ कैच या पेचीदा विकेट को लेकर स्थिति साफ नहीं होती है, तो मैदानी अंपायर तीसरे अंपायर से उसे दोबारा चेक करने को कहता है. हालांकि, तीसरे अंपायर से पहले मैदानी अंपायर को अपने सहयोगी अंपायर से बातचीत करके अपना फैसला देना होता है. इसे ही सॉफ्ट सिगनल कहते हैं. इसके बाद टीवी अंपायर (तीसरा अंपायर) कई एंगल से उसे देखता है और जब उसे ठोस सबूत मिल जाता है तो वो मैदानी अंपायर के फैसले को पलट देता है. लेकिन कभी कभी टीवी अंपायर को पर्याप्त सबूत नहीं मिलते हैं, ऐसे स्थिति में टीवी अंपायर मैदानी अंपायर के फैसले को ही मान लेता है.
क्यों हुआ था विवाद
टीम इंडिया और इंग्लैंड के बीच चौथे टी20 में भारतीय पारी के दौरान जब सूर्यकुमार यादव 57 रनों पर बैटिंग कर रहे थे, तब उन्होंने तेज गेंदबाज सैम कर्रन की गेंद पर स्कूप शॉट खेला. गेंद डीप फाइन लेग पर खड़े डेविड मलान की तरफ गई और उन्होंने कैच लेने का दावा किया. हालांकि, कैच क्लीन नहीं था, इसलिए मैदानी अंपायर ने तीसरे अंपायर की मदद मांगी.
लेकिन नियम के तहत मैदानी अंपायर को अपना फैसला भी बताना होता है और अंपायर ने अपने फैसले में सूर्यकुमार को आउट करार दिया. इसके बाद जब तीसरे अंपायर ने कई बार टीवी रिप्ले देखा, लेकिन उसे कैच पकड़े जाने का कोई साफ सबूत नहीं मिला. इसके बावजूद तीसरे अंपायर ने फैसला मैदानी अंपायर के हिसाब से दिया और सूर्यकुमार को पवेलियन लौटना पड़ा जबकि टीवी रिप्ले में साफ दिख रहा था कि गेंद जमीन को छू गई थी.