ढाका|…. बांग्लादेश के स्वास्थ्य मंत्री जाहिद मालेक का कहना है कि सिनोवैक को अपने पैसे ट्रायल ) चलाना चाहिए क्योंकि कंपनी ने अनुमति मांगते वक्त खुद के पैसे से ट्रायल कराने की बात कही थी. यही वजह है कि कंपनी को ट्रायल की अनुमति दी गई थी.
बांग्लादेश के इस फैसले से जाहिर है कि चीन को झटका लगा होगा. सूत्रों के अनुसार, बांग्लादेश ने 4200 लोगों पर सिनोवैक वैक्सीन के ट्रायल के लिए 60 करोड़ टका खर्च करने की व्यवस्था कर ली थी.
जाहिद मालेक ने एक देश के साथ तब कोई काम किया जाता है जब वह किसी वैक्सीन के नैदानिक परीक्षण को मंजूरी देता है. जब उन्होंने ट्रायल के लिए मंजूरी मांगी तो उन्होंने कभी भी को-फंडिंग की बात नहीं की थी.
यह अनुबंध चीन सरकार के साथ नहीं किया गया है. यह एक निजी कंपनी है और हम एक निजी कंपनी के साथ को-फंडिंग (व्यवस्था) नहीं कर सकते हैं.
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि ट्रायल की योजना नहीं भी बनती है तो भी हम सीनोवैक वैक्सीन हासिल करेंगे. उन्होंने कहा कि वैक्सीन को अगर अप्रूवल मिल जाता है तो हम उसकी खरीद करेंगे.
सीनोवैक बायोटेक डब्ल्यूएचओ के साथ मिलकर अलग-अलग देशों को वैक्सीन मुहैया कराने की दिशा में काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश इस कोशिश में है कि वह जल्द से जल्द वैक्सीन हासिल कर ले. बांग्लादेश, भारत के सहयोग से वैक्सीन को विकसित करने में लगा हुआ है.
बांग्लादेश में चीन की दवा निर्माता सिनोवैक बायोटेक द्वारा विकसित की जा रही वैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल अब अधर में लटक गया है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने चीनी दवा निर्माता द्वारा अनुरोध की गई फंडिंग से इनकार कर दिया है.
सिनोवैक बायोटेक लिमिटेड ने 24 सितंबर को लिए एक पत्र में कहा था कि जब तक सरकार फंड मुहैया नहीं कराएगी, तब तक ट्रायल में देरी होती रहेगी. हालांकि, एक समझौते के अनुसार सिनोवैक बायोटेक ट्रायल के लागत को वहन करने वाली थी.