बांग्लादेश के स्टार क्रिकेटर शाकिब अल हसन को मैदान पर उनके खराब आचरण और अंपायर से भिड़ने के चलते सजा मिलनी तय है. बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड उनके खिलाफ कार्रवाई की तैयारी में है और उन पर ढाका प्रीमियर लीग के अगले चार मैचों से बैन लगाया जा सकता है. इस बारे में बोर्ड ने अभी तक आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है लेकिन मोहम्मडन स्पोर्टिंग क्लब क्रिकेट समिति के अध्यक्ष मसूदुज्जमां ने इसकी पुष्टि की है.
मसूदुज्जमां ने शनिवार को क्रिकबज से कहा, ‘हमें अभी तक कोई आधिकारिक पत्र नहीं मिला है, लेकिन हमें पता चला है कि अंपायर समिति ने चार मैचों के प्रतिबंध की सिफारिश की है.’ इस घटनाक्रम की पुष्टि करते हुए कहा कि वे बीसीबी से अपील करेंगे ताकि वे यह पता लगा सकें कि उनके कद के खिलाड़ी ने इस तरह के व्यवहार का सहारा क्यों लिया.
उन्होंने कहा, ‘हम बोर्ड से अपील करेंगे, अधिकारियों से कहेंगे कि वे इस मामले की जांच करें और देखें कि शाकिब को ऐसा कदम उठाने के लिए उकसाया क्यों गया. स्वाभाविक रूप से, यह स्वीकार्य नहीं था लेकिन साथ ही हमें यह पता लगाना होगा कि ऐसा क्यों हुआ.’
शाकिब ने शुक्रवार को मैदान पर सारी हदें पार कर दीं और वह एक बार नहीं बल्कि दो बार ऑन-फील्ड अंपायर के सामने ही अपना गुस्सा जाहिर करते नजर आए. उन्होंने विपक्षी टीम के कोच खालिद महमूद से भी बहस की जो बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (बीसीबी) के निदेशक भी हैं. घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था जिसके बाद शाकिब ने अपने व्यवहार के लिए माफी मांगी और स्वीकार किया कि उन्होंने फैंस के लिए मैच का मजा खराब कर दिया.
शाकिब मोहम्मडन स्पोर्टिंग क्लब का नेतृत्व कर रहे थे और अबाहानी लिमिटेड टीम के खिलाफ दो मौकों पर अंपायरों से परेशान हो गए. शाकिब का मैदान पर आपा खोने की घटना मोहम्मडन स्पोर्टिंग और अबाहानी लिमिटेड क्लब के बीच शेर-ए-बांग्ला स्टेडियम में हुई. मोहम्मडन स्पोर्टिंग ने 20 ओवर में 145 रन बनाए जिसमें शाकिब ने 37 रन बनाए. इसके जवाब में अबाहानी क्लब की शुरुआत अच्छी नहीं रही. उसके तीन ओवर में 9 रन के स्कोर पर ही तीन विकेट गिर गए.
इसके बाद शाकिब गेंदबाजी के लिए आए. उनकी एक सीधी गेंद मुश्किफुर रहीम के पैड से जाकर टकराई. उन्होंने एलबीडब्ल्यू की जोरदार अपील की. लेकिन अंपायर ने रहीम को नॉटआउट दिया. इससे शाकिब इतने नाराज हो गए कि उन्होंने स्टम्प्स पर लात मार दी. इतना ही नहीं वो अंपायर से भी इस फैसले को लेकर बहस करने लगे. किसी तरह साथी खिलाड़ियों ने विवाद को शांत कराया.