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त्रिपुरा में हुई हिंसा के विरोध में महाराष्ट्र में कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन

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फाइल फोटो

त्रिपुरा में पिछले महीने हुई हिंसा की आग अब महाराष्ट्र के तीन शहरों तक पहुंच गई हैं. राज्य के तीन शहरों- अमरावती, नासिक के मालेगांव और नांदेड़ में शुक्रवार को जमकर हंगामा हुआ. त्रिपुरा में हुई हिंसा के के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया गया था जो बाद में हिंसक हो गया.

जानकारी के मुताबिक इस विरोध प्रदर्शन का आयोजन रजा एकेडमी ने किया था. इस हिंसक प्रदर्शन में कुछ पुलिस वाले भी घायल हुए हैं. फिलहाल पुलिस के मुताबिक तीनों शहरों में शांति बनी हुई और भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है.

अमरावती में करीब 4 से 5 हजार लोग त्रिपुरा में हुई हिंसा के खिलाफ जिला कलेक्टर के दफ्तर पर ज्ञापन देने पहुंचे थे लेकिन लौटते समय भीड़ हिंसक हो गई. भीड़ ने कई जगह तोड़फोड़ की और कुछ दुकानों को भी नुकसान पहुंचाया. जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने बल प्रयोग कर भीड़ को हटाया.

कुछ जगहों पर भी भीड़ ने गाड़ियों को भी आग के हवाले कर दिया. 20 से 22 दुकानों में तोड़फोड़ की गई थी. अमरावती के सिटी कोतवाली पुलिस थाने में 7 लोगो की तरफ से उनकी दुकान लूटे जाने और तोड़फोड़ किये जाने की शिकायत आई है. पुलिस अब सीसीटीवी के सहारे जांच कर रही है

कल नासिक के मालेगांव में भी विरोध प्रदर्शन के नाम पर जमकर हिंसा की गई. इस हिंसा में कई पुलिसवाले भी घायल हुए हैं साथ ही सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया है. इसके अलावा कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया. इतना ही नहीं हिंसा के दौरान पुलिस की गाड़ी को भी नहीं छोड़ा गया. कल हुई हिंसा के बाद मौके पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है और अब हालात नियंत्रण में हैं

महाराष्ट्र के नांदेड़ में भी रजा एकेडमी की तरफ से धरना प्रदर्शन का आयोजिन किया गया था. इसी दौरान भीड़ में मौजूद कुछ लड़कों ने हंगामा शुरू कर दिया. पुलिस ने जब लोगों को रोका तो टकरा हो गया. इसके बाद हिंसक भीड़ ने आस पास के इलाकों में जमकर हिंसा की. दुकानों में तोड़फोड़ की गई. भीड़ ने पुलिस पर भी पथराव किया जिसके बाद पुलिस को हालात पर काबू करने के लिए बल प्रयोग करना पड़ा.

भाजपा नेता नीतीश राणे ने ट्वीट करते हुए कहा, ‘महाराष्ट्र के विभिन्न हिस्सों में हुई सभी हिंसा और दंगों के पीछे आतंकवादी संगठन रज़ा अकादमी है! हर बार जब वे कानून भंग करते हैं, सभी नियम तोड़ते हैं और सरकार बैठी रहती है और देखते रहती है. या तो सरकार उन पर प्रतिबंध लगा दे या हमें महाराष्ट्र के हित में उन्हें बंद करना पड़ेगा.’

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