इन दिनों देहरादून पुलिस प्रशासन ‘बालमित्र थाने’ को लेकर उत्साहित नजर आ रहा है. क्योंकि यह बच्चों के लिए बनाया जाने वाला पूरे उत्तराखंड का पहला ऐसा थाना होगा, जिसमें अपराधी प्रवृत्ति के बच्चों को की काउंसलिंग कराई जाएगी. यानी हम कह सकते हैं कि बच्चों का यह सुधार ग्रह होगा.
बता दें कि यह बालमित्र थाना पिछले महीने दिसंबर में ही बनकर तैयार हो गया था लेकिन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कोरोना पॉजिटिव होने के बाद यह अभी तक सुचारू रूप से नहीं खुल पाया है. अब मुख्यमंत्री की ओर से हरी झंडी मिलने के बाद इसका उद्घाटन इसी महीने के आखिरी तक शुरू होने जा रहा है.
आइए आपको बताते हैं देहरादून के किस स्थान पर यह बालमित्र थाना. शहर के डालनवाला पुलिस स्टेशन इन दिनों खूब सजाया जा रहा है. दरअसल इस पुलिस स्टेशन में अब बच्चों के लिए आने के लिए एक अलग से गेट बनाया गया है. इस अलग गेट से बच्चे पुलिस स्टेशन के फर्स्ट फ्लोर पर जा सकेंगे, जहां उनके लिए एक स्पेशल कमरा बनाया गया है.
‘इस अलग कमरे में खिलौनों के साथ कॉमिक बुक्स और दीवारों पर मोगली से लेकर डोरेमोन समेत कई कार्टून बने दिखेंगे, इससे बच्चे पुलिस के साथ बातचीत करने और किसी भी घटना को बिना किसी डर के रिपोर्ट करने में सहज महसूस कर सकेंगे’. इसके साथ ही बच्चे के रहने के लिए दो बेड की व्यवस्था की गई है.
यहां अपराध की दुनिया में कदम रखने वाले और गुमशुदा नाबालिगों को विशेष काउंसलिंग कराई जाएगी. पांच लाख रुपये की लागत से बाल मित्र थाना बनाया गया है. इसके शुरू हो जाने से देहरादून समेत पूरे उत्तराखंड में आपराधिक प्रवृत्ति के बच्चों को सुधारने में आसानी मिलेगी. यही नहीं पुलिस प्रशासन उन्हें गलत रास्ते पर जाने से भी रोकेंगे.
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार