कैनबरा|….. कहते हैं मोहब्बत और जंग में सबकुछ जायज है. इसी बात का इस्तेमाल शुक्रवार को टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज के पहले टी20 मैच में किया. रवींद्र जडेजा की मांस पेशियों में बल्लेबाजी के दौरान खिंचाव आ गया था.
बावजूद इसके उन्होंने बल्लेबाजी जारी रखी और 23 गेंद पर नाबाद 44 रन बनाकर टीम इंडिया को 20 ओवर में 7 विकेट पर 161 रन के स्कोर तक पहुंचा दिया. बल्लेबाजी के दौरान 20वें ओवर में जडेजा के हेलमेट पर मिचेल स्टार्क की गेंद लगी लेकिन उन्होंने खेलना जारी रखा और नाबाद 44 रन की पारी खेलकर पवेलियन लौटे.
जडेजा की मांसपेशियों में खिंचाव ने टीम इंडिया मैनेजमेंट को परेशानी में डाल दिया था लेकिन उनके हेलमेट पर गेंद के लगने का फायदा उठाया और दूसरी पारी में बतौर कन्कशन सब्स्टीट्यूट लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल का शामिल कर लिया.
ऐसे में कंगारू पारी के आगाज से पहले जब मैच रेफरी ने भारत के इस निर्णय के बारे में ऑस्ट्रेलिया के कोच जस्टिन लैंगर को बताया तो उन्होंने इस फैसले पर नाखुशी जताई और मैच रेफरी डेविड बून से भिड़ गए और उनसे बहस की. लेकिन इसका बून के ऊपर कोई असर नहीं पड़ा.
आम तौर पर खिलाड़ी खेलते हुए हेलमेट पर गेंद लगने के बाद कन्कशन की शिकायत करता है और फीजियो द्वारा जांच किए जाने के बाद इसकी पुष्टि की जाती है और उसका हेलमेट बदला जाता और जरूरत पड़ने पर दूसरे खिलाड़ी को एकादश में शामिल किया जाता है.
लेकिन जडेजा ने ऐसा कुछ भी मैदान पर नहीं किया. लेकिन पवेलियन वापस लौटने के बाद उन्होंने संभवत: लेटर कन्कशन की शिकायत की जिसे मैच रेफरी ने स्वीकार कर लिया और चहल को उनकी जगह टीम में शामिल कर लिया गया. संभवत: स्लेटर का मानना था कि जडेजा को पहले से चोट लगी थी और भारत ने गलत तरीके से कन्कशन सब्स्टीट्यूट का इस्तेमाल किया है.
टीम इंडियाऔर बांग्लादेश के बीच कोलकाता में पिछले साल खेले गए डे-नाइट टेस्ट के दौरान बांग्लादेशी बल्लेबाज लिट्टन दास हेलमेट पर गेंद लगी थी. उन्होंने उसके बाद भी बल्लेबाजी जारी रखी लेकिन एक ओवर बाद उन्हें सिर पर गेंद लगने की वजह से परेशानी हुई और वो पवेलियन लौट गए. ऐसे में उनके बदले बांग्लादेशी टीम में अन्य खिलाड़ी को शामिल किया गया.