इस्लामाबाद|…. पाकिस्तानी सेना और तालिबान शासित अफगानिस्तान के बीच बॉर्डर पर संघर्ष चल रहा है. पाकिस्तानी सेना ने जानकारी दी कि रविवार को अफगान बलों द्वारा भारी गोलाबारी की गई, जिस वजह से पाकिस्तान में सीमा पार 6 नागरिकों की मौत हो गई और 17 अन्य बुरी तरह से घायल हो गए हैं.
इसके बाद पाकिस्तानी सैनिकों ने दक्षिण-पश्चिमी बलूचिस्तान प्रांत में चमन सीमा पार से जवाबी कार्रवाई की. पाकिस्तान ने स्थिति की गंभीरता को उजागर करने और घटना की पुनरावृत्ति से बचने के लिए कड़ी कार्रवाई की मांग करने के लिए काबुल से भी संपर्क किया था.
इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) की रिपोर्ट के अनुसार, अफगान सरकार ने कथित तौर पर हमलों में तोपखाने और मोर्टार का इस्तेमाल किया है. पाकिस्तानी सेना का कहना है कि तालिबानी सेना हमारे देश के नागरिकों को निशाना बना रही है इसलिए इसकी गंभीरता को उजागर करने की आवश्यकता है. वहीं अफगानिस्तान के कंधार पुलिस प्रवक्ता का कहना है, “सीमा पार से गोलाबारी में एक अफगान सैनिक की मौत हो गई और तीन नागरिकों सहित 10 अन्य लोग घायल हो गए हैं.”
इसी तरह से दोनों देशों के बीच पिछले महीने भी झड़पें हुई थीं. दोनों पक्षों के अधिकारियों ने कहा कि चमन में व्यापार और पारगमन के लिए इस्तेमाल होने वाली व्यस्त अफगान सीमा को बंद कर दिया गया था. इसी तरह की झड़पों के बाद पिछले महीने कई दिनों तक क्रॉसिंग को बंद रखा गया था. इसके बाद भी तालिबान के साथ पाकिस्तान सेना की मुलाकात का कोई नतीजा नहीं निकल पाया.
दोनों देशों के बॉर्डर पर क्यों हो रहा है संघर्ष?
अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता काबिज होने के बाद से पाकिस्तान-अफगान सीमा डूरंड लाइन पर दोनों देशों की स्थिति और तनावपूर्ण होने लगी है. तालिबान का आरोप है कि पाकिस्तानी सैनिक अक्सर अफगान इलाके में ताक-झांक करते हैं, वे डूरंड लाइन पर बाड़ लगाने का प्रयास करते हैं. जिसका तालिबान अब विरोध कर रहा है. तालिबान इसका विरोध कर रहा है यह पाकिस्तान को हैरान कर रहा है. क्योंकि तालिबान को अफगानिस्तान में सत्ता में लाने के लिए पाक ने भी मदद की है.
पाकिस्तान ने सोचा था कि, तालिबान इसका विरोध नहीं करेगा उनका काम और आसान हो जाएगा. लेकिन यहां मामला और गड़बड़ा गया है. तालिबान कमांडर ने एक बार पाकिस्तान को इसी चीज के लिए धमकाया था. एक वीडियो में उसने कहा था, “पाकिस्तान अफगान सीमा में हस्तक्षेप करना बंद करे, हम इसलिए संयम रख रहे हैं क्योंकि आप लोग भी मुस्लिम हैं, नहीं तो हम उसी तरह की लड़ाई आपके साथ भी लड़ सकते हैं जैसी अमेरिका के साथ लड़ी थी.”