बाबरी मस्जिद विध्वंस केस में सीबीआई की विशेष अदालत के फैसले पर ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने निराशा जाहिर की.
ओवैसी ने बुधवार को कहा कि विशेष अदालत के फैसले के खिलाफ यदि सीबीआई अपील नहीं करती है तो ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) इसे कोर्ट में लेकर जाएगा.
एआईएमआईएम नेता ने पूछा कि आखिर मस्जिद किसने तोड़ी? बता दें कि सीबीआई की विशेष अदालत ने अपने फैसले में इस केस के सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया.
कोर्ट ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ लगाए गए आरोप साबित नहीं हुए. मस्जिद साजिश के तहत नहीं तोड़ी गई बल्कि वहां उग्र हुई भीड़ ने विध्वंस को अंजाम दिया.
कोर्ट ने कहा कि अभियोजन पक्ष ने आरोपियों के खिलाफ जो सबूत पेश किए हैं, वे आरोपियों को दोषी ठहराने के लिए पर्याप्त नहीं हैं और जो साक्ष्य पेश किए गए हैं, उनके साथ छेड़छाड़ हुई है.
मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए ओवैसी ने कहा, ‘यह न्याय का मसला है. यह न्याय सुनिश्चित करने का मामला है कि बाबरी मस्जिद के विध्वंस के लिए जो लोग जिम्मेदार हैं, उन्हें दोषी ठहराया जाए.
लेकिन इन लोगों को बीते समय में गृह मंत्री और मानव संसाधन विकास मंत्री बनाकर इनाम दिया गया है.’ उन्होंने कहा, ‘यह भारतीय न्यायपालिका के इतिहास में एक दुखद दिन है.
कोर्ट का कहना है कि कोई साजिश नहीं हुई तो मुझे जरा बताएं कि साजिश रचने के लिए कितने दिनों की जरूरत होती है.’
कोर्ट के फैसले पर असहमति जताते हुए ओवैसी ने कहा, ‘सीबीआई की विशेष अदालत का यह फैसला भारतीय न्यायपालिका के लिए एक काला दिन है.’