मोदी सरकार के बनाए गए नए मंत्रियों ने अभी अपना काम पूरी तरह शुरू भी नहीं भी किया था कि विपक्ष के ‘निशानेे’ पर आ गए. भले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने अपनी नई टीम बहुत सोच विचार कर बनाई हो लेकिन विपक्षी पार्टियों के नेताओं को ‘रास’ नहीं आई. नए कैबिनेट विस्तार में ब्राह्मण, पिछड़े और दलितों को मिलाकर बनाई ‘सोशल इंजीनियरिंग’ कांग्रेस, बसपा, सपा और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने स्वास्थ्य मंत्री को हटाए जाने पर ‘सवाल’ खड़े किए हैं.
वहीं यूपी से सात केंद्रीय मंत्री बनाए जाने पर मायावती, अखिलेश यादव और ओमप्रकाश राजभर ने भाजपा सरकार का यह ‘चुनावी हथकंडा’ बताया. अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर उत्तर प्रदेश पर पीएम मोदी और अमित शाह ने सबसे अधिक ‘फोकस’ किया है. इसी को लेकर सपा, बसपा हमलावर है.
कैबिनेट में हुए फेरबदल और विस्तार पर कांग्रेस नेता ‘मल्लिकार्जुन खड़गे ने सरकार पर तंज कसा है. उन्होंने कहा कि चुनाव आने वाले हैं इसलिए दलित और पिछड़े नेताओं को मंत्री बनाया गया है, खड़गे कहा कि इसके लिए एक वजह लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश भी हो सकती है’.
बसपा प्रमुख मायावती ने ट्वीट करते हुए लिखा कि मंत्रिमंडल में किए गए लंबे-चौड़े विस्तार व फेरबदल सरकार की अब तक की रही गलत नीतियों, कार्यकलापों एवं अन्य कमियों आदि पर ‘पर्दा’ नहीं डाल सकते तथा न ही उस पर से लोगों का ध्यान बांट सकते हैं, जनता व देश की बदहाल स्थिति सही समय पर परिवर्तन की राह देख रही है.
वहीं मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार भी जनहित व जनकल्याण के सभी मोर्चे पर अधिकांश विफल ही रही है और कोरोना प्रकोप में तो इनकी नीति व कार्यशैली तथा इनके अन्य हवा-हवाई वादों व घोषणाओं आदि से यहां की समस्त जनता काफी दुखी है. दूसरी ओर हर्षवर्धन को स्वास्थ्य मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर तंज कसा.
‘कांग्रेस सांसद राहुल ने कहा कि क्या इसका मतलब है कि अब टीकों की और कमी नहीं होगी’? बता दें कि कर्नाटक, राजस्थान और पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों ने वैक्सीन की कमी की शिकायत की है. कांग्रेस वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा था कि जिस महामारी का प्रबंधन ‘नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी’ के माध्यम से किया जा रहा है, उसके चेयरमैन प्रधानमंत्री स्वयं हैं, क्या वे भी अपने गैर जिम्मेदाराना व्यवहार की जिम्मेदारी लेंगे? इस्तीफा देंगे? या अकेले स्वास्थ्य मंत्री को बलि का बकरा बना अपना पल्ला झाड़ लेंगे .
पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कहा कि नए स्वास्थ्य मंत्री का पहला काम देश में टीकों की उचित और निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करना होना चाहिए. उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी मोदी कैबिनेट विस्तार पर निशाना साधा है. ‘अखिलेश ने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में मंत्री या मंत्रालय बदलने से भाजपा सरकार ने खुद स्वीकार कर लिया है कि वो हर क्षेत्र में नाकाम रही है, जरूरत केवल डिब्बे नहीं पूरी ट्रेन को बदलने की है’. सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा ने सरकार चलाने का ‘नैतिक’ अधिकार खो दिया है.
देश-प्रदेश में बदलाव की लहर है. वहीं सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने मोदी मंत्रिमंडल में हुए विस्तार को लेकर हमला बोला . ‘राजभर ने यूपी से शपथ लेने वाले सांसदों पर तंज कसते हुए कहा कि यह सब दगे हुए कारतूस हैं, मैदान में आएं तब पता चलेगा’.
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कैबिनेट में बड़ा फेरबदल और विस्तार किया. उन्होंने मंत्रिपरिषद में 36 नए चेहरों को जगह दी और सात मंत्रियों को प्रमोट किया. वहीं स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन, शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, सूचना प्रौद्योगिकी के साथ कानून मंत्री का कार्यभार संभाल रहे रविशंकर प्रसाद और सूचना व प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर सहित कुल 12 मंत्रियों की छुट्टी कर दी.
रविशंकर प्रसाद के मंत्रालय से इस्तीफा देने के बाद भी नए मंत्री ने ‘ट्विटर कंपनी’ को पहले दिन ही चेतावनी जारी कर दी. नौकरशाह से नेता बने अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार को कहा कि माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ट्विटर को कानून का पालन करना चाहिए.
आईटी, इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार मंत्रालय का कार्यभार संभालने के तुरंत बाद अश्विनी ने कहा कि भारत में कारोबार करने वाली सभी कंपनियों को हमारे कानून का पालन करना होगा. बता दें कि रविशंकर प्रसाद की जगह अश्विनी वैष्णव को नया आईटी मंत्री बनाया गया है. पहले दिन बनाए गए सभी मंत्रियों ने अपने ऑफिस जाकर पूरे ‘जोश’ के साथ कामकाज संभाल लिया है.
कई मंत्रियों के कुर्सी पर बैठते ही ‘चेहरे’ खिल गए. भले ही आज पहला दिन हो लेकिन इन सभी नए मंत्रियों को पीएम मोदी और अमित शाह को अपने मंत्रालय के कामकाज का हिसाब भी देना होगा. दूसरी ओर कई चेहरे ऐसे थे जो मंत्री पद की दौड़ में शामिल थे उनको दरकिनार कर दिया गया, ये फिलहाल शांत हैं.
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार