नई दिल्ली| जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीनी आक्रामकता के लिए भारत सरकार के अनुच्छेद 370 को रद्द करने के फैसले को जिम्मेदार ठहराया है.
मीडिया से बात करते हुए फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि चीन ने अनुच्छेद 370 को रद्द करने के फैसले को कभी स्वीकार नहीं किया. अब्दुल्ला ने उम्मीद जताई कि इसे चीन के समर्थन से बहाल किया जाएगा.’
फारूक अब्दुल्ला ने कहा, ‘वे (चीन) लद्दाख में एलएसी पर जो कुछ भी कर रहे हैं, उसके पीछे अनुच्छेद 370 को निरस्त करना है. उन्होंने इस फैसले को कभी स्वीकार नहीं किया. मुझे उम्मीद है कि उनके समर्थन से जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को बहाल किया जाएगा.’
उन्होंने कहा कि मैंने कभी चीनी राष्ट्रपति को आमंत्रित नहीं किया, पीएम मोदी ने न केवल उन्हें आमंत्रित किया, बल्कि उनके साथ झूला सवारी भी की. वे उन्हें चेन्नई ले गए और उनके साथ भोजन किया. जम्मू और कश्मीर पर केंद्र के फैसले पर बोलते हुए फारूक अब्दुल्ला ने आगे कहा कि सरकार ने 5 अगस्त 2019 को जो किया वह अस्वीकार्य था. नेशनल कॉन्फेंस के नेता ने कहा कि उन्हें संसद में जम्मू-कश्मीर की समस्याओं पर बोलने की भी अनुमति नहीं दी गई.
भारत सरकार ने पिछले साल जम्मू-कश्मीर पर विशेष दर्जा देने वाले आर्टिकल 370 को निरस्त कर दिया. इसके साथ ही लद्दाख को जम्मू-कश्मीर से अलग कर दिया. जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दोनों को केंद्र शासित प्रदेश घोषित किया गया. वर्तमान में लद्दाख में भारत और चीन के बीच सीमा पर तनावपूर्ण स्थिति है. दोनों पक्षों ने सीमा विवाद को हल करने के लिए कई उच्च-स्तरीय राजनयिक और सैन्य वार्ता आयोजित की हैं.
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने हाल ही में कहा कि भारतीय देख रहे हैं कि उनकी उत्तरी सीमा पर 60,000 चीनी सैनिक तैनात हैं. भारतीयों का उत्तरपूर्वी हिस्से में हिमालय में चीन से सीधे आमना सामना हो रहा है. उत्तर में चीन ने भारत के खिलाफ बड़ी संख्या में बलों को तैनात करना शुरू कर दिया है.
फारूक अब्दुल्ला का विवादित बयान- उम्मीद है चीन के समर्थन से अनुच्छेद 370 की बहाली होगी देश
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