इसे संयोग कहें या सियासत. 7 सालों से दबा हुआ मामला योगी सरकार के पूर्व मंत्री के लिए जंजाल बन गया. मंगलवार को यूपी मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य के लिए 1 दिन बाद ही यानी आज अदालत ने गिरफ्तारी का वारंट जारी कर दिया.
उन्हें सुल्तानपुर एमपी, एमलए कोर्ट ने 24 जनवरी को पेश करने के आदेश दिए गए हैं. ये वारंट 7 साल पुराने केस में जारी हुआ है जिसमें उन पर धार्मिक भावना भड़काने का आरोप है.स्वामी प्रसाद मौर्य ने बीएसपी में रहते हुए पूजा न करने का बयान दिया था.
बता दें कि पूर्व मंत्री पर पिछले सात साल से धार्मिक भावना भड़काने का मुकदमा चल रहा है. उन्होंने मायावती के साथ रहते हुए बहुजन समाज पार्टी की एक रैली के दौरान हिन्दू देवी-देवताओं का पूजन न करने का विवादित बयान दिया था. जिसके बाद स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था.
बता दें कि पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य उत्तर प्रदेश में ओबीसी का बड़ा चेहरा माने जाते हैं. अन्य पिछड़ा वर्ग के प्रभावी नेता और पांच बार के विधायक स्वामी प्रसाद मौर्य ने मायावती की बीएसपी छोड़ने के बाद 2017 में बीजेपी ज्वॉइन की थी.
वह अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी का मुकाबला करने के लिए ओबीसी वोटर्स को आकर्षित करने की बीजेपी की योजना कें केंद्र बिंदु थे. हालांकि अभी तक मौर्य ने किस पार्टी में जाएंगे, पत्ते नहीं खोले हैं. लेकिन उनके सपा में जाने की अटकलें हैं.